लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। जिसके बाद बीजेपी ने चुनाव की हारी सीटों की समीक्षा शुरू कर दी। इसके लिए पार्टी ने एक स्पेशल टीम तैयार की है। गुरुवार को पार्टी नेताओं ने अवध क्षेत्र की सीटों पर लोकसभा चुनाव हारे प्रत्याशियों के साथ जीते हुए सांसदों के साथ चुनाव में खामियों पर मंथन किया। वहीं, आज भी भाजपा मुख्यालय पर स्पेशल टीम की आज बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में टीम को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। पार्टी चुनाव में हारी हुई सीटों की जमीनी पड़ताल करना चाहती है।
एक टीम में होंगे दो सदस्य
भाजपा को यूपी में एक बड़ा झटका लगा, जिसके बाद अब पार्टी यूपी की हार का जमीनी स्तर पर आकलन करने की तैयारी कर रही है और उन वजहों को भी जानने में जुटी है कि आखिर दो चुनाव में बीजेपी के साथ खड़े ओबीसी और दलितों ने पार्टी से मुंह क्यों मोड़ लिया। पार्टी के पक्ष में इतना कम मतदान क्यों हुआ। क्या भीतरघात का भी बीजेपी को नुकसान हुआ है या कोई अन्य वजह भी रही। इसके लिए पार्टी ने भाजपा की स्पेशल टीम की आज बैठक बुलाई गई है। सभी लोकसभा सीटों के हिसाब से दो-दो लोकसभा क्षेत्र के लिए एक टीम बनाई गई है। एक टीम में दो सदस्य होंगे, यह सदस्य प्रदेश पदाधिकारी पूर्व विधायक होंगे। इन्हें 15 जून तक अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र में पहुंचने को बोल दिया गया है।
कल हुआ था चुनाव में खामियों पर मंथन
बता दें कि गुरुवार को पार्टी नेताओं ने अवध क्षेत्र की सीटों पर लोकसभा चुनाव हारे प्रत्याशियों के साथ जीते हुए सांसदों के साथ चुनाव में खामियों पर मंथन किया। ज्यादातर हारे हुए प्रत्याशियों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल से मिलकर बताया कि वह विपक्ष के आरक्षण के दांव की काट खोजने में सफल नहीं हो सके। कुछ ने स्थानीय विधायकों के साथ जिला संगठन की भी शिकायत की है।
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