जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं समाजवादी पार्टी के लिए मुसीबते बढ़ती चली जा रही है। जिन पार्टियों से गठबंधन के दम पर समाजवादी पार्टी बीजेपी को हारने का सपना देख रही थी उन पार्टियों ने धीरे धीरे साइकिल से किनारा करना शुरू कर दिया है। हाल ही में अपना दल कमेरावादी और सपा के बीच हुई दूरी ने खूब सुर्खियां बटोरी। इस डैमेज से अभी अखिलेश की पार्टी उभर भी नहीं पाई थी की एक और दल ने अब सपा का साथ छोड़ दिया है। खबर है कि शनिवार यानी 22 मार्च को जनवादी सोशलिस्ट पार्टी ने भी समाजवादी का साथ छोड़ दिया है। यानी की अब समाजवादी पार्टी और जनवादी सोशलिस्ट पार्टी के बीच गठबंधन टूट गया है।
इस पूरे मामले पर खुद जनवादी पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय चौहान ने ऐलान करते हुए सपा से किनारा कर लिया है। अब लोकसभा चुनाव में डॉ. संजय चौहान ने अपने उम्मीदवारों को उतारने की घोषणा की है।
दरअसल, डॉ.संजय चौहान घोसी से टिकट मांग रहे थे, मगर समाजवादी पार्टी ने वहां से अपना उम्मीदवार राजीव राय को बनाया है। जिसके बाद अब सपा से दूरी बनाने के बाद डाॅ. संजय चौहान ने वहां से खुद लड़ने का ऐलान किया है। इसके साथ ही वो पूर्वांचल की 10 और लोकसभा सीटों पर जनवादी पार्टी के उम्मीदवारों को खड़ा करेंगे। जिसमे आजमगढ़, गाजीपुर, बलिया, चंदौली, कुशीनगर, गोरखपुर, अमेठी, देवरिया वाराणसी और मछली शहर का नाम शामिल है।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में सपा का साथ 4 प्रमुख पार्टियों ने छोड़ा है। जिसमें जयंत चौधरी, स्वामी प्रसाद मौर्य, पल्लवी पटेल और अब संजय चौहान शामिल है। ऐसे में इस स्थिति को देखते हुए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अखिलेश की पार्टी को इसका खामियाजा आम चुनावों में भुगतना पड़ सकता है।