बड़ा खुलासा: राज्यसभा के 90 फीसदी सांसद हैं करोड़पति, औसत संपत्ति 55.62 करोड़ रुपये
कानूनों को पास कराने के लिए बीजेपी निर्दलीय और नामांकित सांसदों से समर्थन की मांग सकती है। लोकसभा में बीजेपी के पास एनडीए के साथियों के संग बहुमत का आंकड़ा है। लोकसभा में एनडीए के पास 540 में से 315 सांसद है। शुक्रवार को घोषित हुए नतीजों के बाद राज्यसभा में एनडीए की संख्या बढ़ी है लेकिन बहुमत के आंकड़े 123 से अभी भी दूर है। ऐसे में अगर उन्हें AIADMK, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल का समर्थन मिल जाए तो बहुमत के आंकड़ा छुआ जा सकता है। इन दलों के समर्थन पाने की उम्मीद बीजेपी कर रही है।
ओडिशा में 2019 में विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी और बीजद वहां साथ चुनाव लड़ने का प्रयास कर रहे हैं। नॉमिनेटड सदस्यों की बात की जाए तो मौजूदा स्थिति में उन्हें तीन नॉमिनेटेड सांसदों का समर्थन मिल सकता है। वहीं चार निर्दलीय सांसद भी सरकार का साथ दे सकते हैं। लेकिन आंकड़े अब भी एनडीए को परेशान कर रहे हैं। क्योंकि उनके सामने विपक्ष के नाम पर 115 सांसदों की चुनौती है। जिसमें यूपीए, वाम मोर्चा और टीएमसी शामिल है।
इस चुनौती से निपटने के लिए मोदी सरकार के पास एक विकल्प है। अगले महीने में 3 मनोनित सांसदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। बीजेपी इनकी जगह अपने उम्मीदवारों को उच्च सदन में पहुंचा सकती है। इसके अलावा बीजेपी अपने पुराने गठबंधन के साथ इंडियन नेशनल लोकदल के साथ भी गठबंधन कर सकती है। उच्च सदन में उनके पास एक सांसद है। हालांकि आगामी हरियाणा विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बीजेपी और आईएनएलडी के बीच समझौतों पर गठबंधन मुश्किल है।
लेकिन कुल मिलाकर 2014 के बाद बीजेपी के लिए अब उच्च सदन में अच्छे संकेत दिखाई दे रहे हैं। NDA से तेलगू देशम पार्टी के अलग होने और शिवसेना के मनमुटाव का बाद बीजेपी अब अपना नया रास्ता तलाश रही है।