मडि़यांव में जमीन विवाद में पहुंचे पुलिसकर्मियों की वकीलों से भिड़ंत हो गई. इस दौरान संख्या कम होने की वजह से वकीलों ने पुलिसकर्मियों को पीट दिया. पुलिस को पिटता देख बचाव में ग्रामीणों ने मोर्चा संभाला. इसी बीच कई थानों की फोर्स व पीएसी बल मौके पर पहुंचा तो हंगामे पर उतारू वकील मौके से भागने लगे. पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से 13 आरोपियों को दबोच लिया और उन्हें थाने लाया गया. सूचना मिलने पर दर्जनों की संख्या में वकील वहां जुट आए. लेकिन, तब तक थाने पर पहुंची कई थानों की पुलिस फोर्स व पीएसी के सामने उनकी एक न चली. पुलिस ने 13 को नामजद व 100 से अधिक अज्ञात के खिलाफ मारपीट, बलवा, तोड़फोड़, धमकी, सरकारी कार्य में बाधा व 7 सीएलए एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर ली. हालांकि, शाम को सभी अरेस्ट किये गए आरोपी वकीलों को थाने से ही जमानत पर रिहा कर दिया गया.
नपाई से पहले हंगामा शुरू
इंस्पेक्टर मडियांव अमरनाथ वर्मा के मुताबिक, मडि़यांव के नरहरपुर गांव स्थित आईआईएम रोड निवासी राजीव कनौजिया की कृषि भूमि है. इस जमीन के कुछ हिस्से पर व्यापारी नेता धीरेंद्र कुमार अवस्थी अपना दावा करते हैं. कानूनगो मोहम्मद इलियास अहमद-लेखपाल मनीष कुमार के साथ राजीव कनौजिया की जमीन की पैमाइश एसडीएम बीकेटी कोर्ट के आदेश पर धारा 24 के तहत करने गए थे. हंगामे की आशंका के चलते गांववालों की सूचना पर वह भी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि मौके पर पहले से करीब 150 वकील दर्जनों लग्जरी गाडि़यों के साथ मौजूद थे. इंस्पेक्टर के ड्राइवर इंद्रजीत राय ने वहां मौजूद लोगों की मोबाइल से वीडियो बनाना शुरू कर दिया. लेकिन, वकीलों ने इसका विरोध शुरू कर दिया और उससे मोबाइल फोन छीन लिया. अपने ड्राइवर से मोबाइल फोन छीनने पर इंस्पेक्टर ने नाराजगी जताई. लेकिन, नाराज वकीलों ने इंद्रजीत को पीट दिया.
एके-47 लेकर ललकारा
इंद्रजीत के बचाव में उतरे इंस्पेक्टर से भी वकीलों ने हाथापायी की. जिसमें इंस्पेक्टर वर्मा का चश्मा टूट गया. वकीलों ने पथराव कर उनकी सरकारी जीप का शीशा भी तोड़ दिया. पुलिस को पिटता देख ग्रामीण पुलिसकर्मियों के बचाव में कूद पड़े. इसी बीच इंस्पेक्टर वर्मा ने इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी और खुद हमराह की एके-47 राइफल लेकर हंगामे पर उतारू वकीलों के बीच कूद पड़े. उनका यह रूप देख वहां अफरातफरी मच गई. पुलिस पर हमले की सूचना मिलने पर जानकीपुरम, इंदिरानगर, विकासनगर, गाजीपुर, महानगर, अलीगंज, गुडंबा, हसनगंज थानों की फोर्स व पीएसी बल मौके पर पहुंचा. यह देख हंगामे पर उतारू वकील अपनी कारें छोड़कर मौके से भागने लगे. हालांकि, पुलिस ने 13 आरोपियों को मौके से कस्टडी में ले लिया.
थाने पर किया हंगामा
साथियों की अरेस्टिंग की सूचना मिलने पर दर्जनों वकील मडि़यांव थाने पहुंच गए और अरेस्ट किये गए वकीलों को छोड़ने के लिये दबाव बनाने लगे. नाराज वकीलों ने प्रदर्शन भी किया. तीन घंटे तक थाने पर हंगामा चलता रहा. सूचना मिलने पर एसडीएम बीकेटी सूर्यकांत त्रिपाठी थाने पहुंचे. जिनसे वकीलों ने वार्ता की. सीओ अलीगंज दीपक कुमार ने बताया कि काफी देर तक चली वार्ता के बाद पुलिस ने अरेस्ट किये गए सभी 13 आरोपियों वकील अनुराग त्रिवेदी, अनस, राम कुमार शर्मा, अजीत सिंह, नीरज अग्रवाल, रामकुमार शर्मा, अजीत सिंह, रोहित साहू, प्रियांशु, रवि कुमार, सुनील गुप्ता, तसलीम अहमद, मो. सलीम, उत्कर्ष दीक्षित और धीरेंद्र कुमार अवस्थी को थाने से ही जमानत पर रिहा कर दिया. उन्होंने बताया कि हमले में इंस्पेक्टर अमरनाथ वर्मा, ड्राइवर कॉन्सटेबल इंद्रजीत राय और दो हमराही मामूली रूप से घायल हो गए. उन्होंने बताया कि मौके से पुलिस ने सात कारें जब्त की हैं.