अयोध्या में राममंदिर समाधान के लिए उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड प्रस्ताव तैयार कर रहा है. वक्फ बोर्ड ने इस साल 6 दिसंबर से पहले अयोध्या समाधान के लिए फाइनल ड्रॉफ्ट लाने की बात कही है. जबकि 6 दिंसबर 1992 के दिन ही बाबरी मस्जिद को कारसेवकों ने ध्वस्त कर दिया था. शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी राम मंदिर बनाने के पक्ष में लगातार आवाज उठा रहे हैं.पहली बार लालू ने खोला नीतीश को दही का टीका लगाने का ये राज़…
वसीम रिजवी ने पीटीआई को बता कि राम मंदिर के समाधान के लिए कई हम प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं. अयोध्या मामले से जुड़े कुछ याचिकाकर्ता के बातचीत करके ही विवाद को शांतिपूर्ण रूप से सुलझाने के लिए सौमझाते का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा, जिसे 6 दिसंबर तक तैयार कर लेंगे. उन्होंने कहा अयोध्या का हल आपसी बातचीत से निकाला जा सकता है.
बता दें कि यूपी शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने पिछले दिनों आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर से बैंगलुरू में मुलाकात किया था. वसीम रिजवी ने विवादित स्थान पर मंदिर बनाने के पक्ष में है. उन्होंने कहा था कि विवादित स्थान पर मस्जिद नहीं बनाना चाहते हैं, बल्कि मस्जिद को दूर मुस्लिम आबादी में बनाई जाए.
उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच ने 2010 में अयोध्या मामले में फैसला सुनाते हुए तीन हिस्सों में विवादित स्थान को बांट दिया था. इनमें सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही आखड़ा और भगवान रामलला पार्टी हैं. जिनके बीच हाईकोर्ट ने जमीन का विभाजन का फैसला दिया था.
वसीम रिजवी का कहना है कि शिया वक्फ बोर्ड शांतिपूर्ण तरीके से अयोध्या का समाधान तलाश रहा है. वक्फ इसके लिए एक बैठक का आयोजन करेगा और फिर प्रस्ताव तैयार करेगा. इसके लिए बोर्ड के सभी सदस्यों के इस पर सहमित लेने के लिए प्रस्ताव को सार्वजनिक भी करेगा.
गौरतलब है कि पिछले दिनों 8 अगस्त को शिया वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में 30 पेज का हलफनामा दायर कर कहा था कि बाबरी मस्जिद की थी. ऐसे में शिया वक्फ बोर्ड का मस्जिद की ओर से पैरवी करना का जिम्मा बनता है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने वसीम रिजवी के हलफनामे को रिजेक्ट कर दिया था.
वसीम रिजवी कहते हैं कि आयोध्या मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) का कोई अधिकार नहीं है. इसके बारे में फैसला केवल शिया बोर्ड को तय करने का अधिकार है.
श्रीश्री रविशंकर के साथ बैठक के बारे में वसीम रिजवी ने कहा कि हमने अपने इरादों को उनसे अवगत कराया. न्यायालय के बाहर के निपटारे के लिए की गई पहल हिंदुओं-मुस्लिम को मजबूत बनाएगा और इससे देश में भाईचारा भी बढ़ेगा.
वसीम रिजवी के अलावा अयोध्या मामले पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और निर्मोही अखाड़े से जुड़े हुए लोग श्रीश्री रविशंकर के साथ मुलाकात की थी.
हालांकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इसमें कोई पार्टी नहीं. लेकिन मुस्लिम समुदाय के बीत काफी प्रभाव है. मुलाकात पर पर्सनल लॉ बोर्ड ने इनकार किया था. लेकिन आजतक ने फोटो जारी करके श्रीश्री रविशंकर के साथ मुलाकात की बात को सार्वजनिक किया था.