वर्ष 2019-20 में इन्फोसिस के 74 कर्मचारी हुए करोड़पति, चेयरमैन नंदन नीलेकणी ने नहीं लिया कोई वेतन

आईटी सर्विस की दिग्गज कंपनी इन्फोसिस के करोड़पति कर्मचारियों की संख्या वित्त वर्ष 2019-20 में बढ़कर 74 तक पहुंच गई है. इसके एक साल पहले कंपनी में करोड़पति कर्मचारियों की संख्या 64 तक थी. इस दौरान इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणी ने स्वेच्छा से अपनी सेवाओं के लिए कोई पारिश्रमिक नहीं लिया है.

कैसे बढ़े करोड़पति

इन करोड़पति कर्मचारियों में ज्यादातर वाइस प्रेसिडेंट और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट स्तर के लोग हैं. इन्फोसिस की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक इन एग्जीक्यूटिव्स के वेतन पैकेज में भारी बढ़त इस वजह से दिख रही है क्यों​कि उनको जो शेयरों के रूप में इन्सेंटिव मिला है उसकी वैल्यू काफी बढ़ गई है.

वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी के कर्मचारियों की औसत सैलरी 10 फीसदी बढ़कर सालाना 6.8 लाख रुपये तक पहुंच गई है. लेकिन इन्फोसिस के सीईओ सलिल पारेख और सीओओ यूबी प्रवीण राव का वेतन इस औसत के क्रमश: 502 और 155 गुना है.

नंदन नीलेकणी ने नहीं लिया वेतन

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणी ने स्वेच्छा से अपनी सेवाओं के लिए कोई पारिश्रमिक नहीं लिया है. पिछले साल इन्फोसिस के बोर्ड ने अपने कर्मचारियों को करोड़ों रुपये के शेयर देने के प्लान को आगे बढ़ाया था.

इन्फोसिस के CEO की सैलरी में 39% की बढ़ोत्तरी

इस दौरान इन्फोसिस के सीईओ सलिल पारेख के वेतन पैकेज में 2019-20 में लगभग 39 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह 34.27 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. 2018-19 में पारेख की सैलरी 24.67 करोड़ रुपये थी.

2019-20 के लिए कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट से पता चला कि उनके कुल वेतन में 16.85 करोड़ रुपये सैलरी, स्टॉक से 17.04 करोड़ रुपये और 38 लाख रुपये (अन्य) शामिल हैं.

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