गांधीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में आर्थिक नीतियों और कार्यक्रमों में सुधारों को निरंतर आगे बढ़ाने को लेकर सरकार की सशक्त प्रतिबद्धता व्यक्त की और देश की राजनतिक और आर्थिक व्यवस्था बुनियादी बदलाव लाने का वादा किया। पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था के इंजन के तौर पर देखा जा रहा है। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारत अपनी ऊंची आर्थिक वृद्धि के साथ सबसे आकर्षक स्थल है।’
पीएम मोदी ने हर दो साल पर होने वाले वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मंगलवार को कहा कि कंपनियों के लिये अनुकूल माहौल तैयार करना तथा निवेश आकर्षित करना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। इस वैश्विक निवेशक सम्मलेन की लोकप्रियता को दखते हुए अब इसे ‘पूर्व का दावोस’ कहा जाने लगा है। विश्व व्यापार मंच द्वारा स्विट्जरलैंड के वार्षिक दावोस सम्मेलन की तरह वाइब्रेंट गुजरात सम्मलेन में भी फार्चुन 500 सूची की कई कंपनियों के सीईओ तथा अनेक देशों के राजनेता और प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
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मोदी ने कहा, ‘हमने व्यापार सुगमता पर अत्यधिक जोर दिया है..मेरी सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था के निरंतर सुधार को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले ढाई साल से सरकार ने भारत की क्षमता को हकीकत में बदलने तथा अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर लाने के लिये दिन-रात काम किया है। उन्होंने कहा कि इसका परिणाम उत्साहजनक है। जीडीपी वृद्धि, मुद्रास्फीति, राजकोषीय घाटा, चालू खाते का घाटा जैसे वृहत आर्थिक संकेतकों के साथ विदेशी निवेश में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘भारत दुनिया में तीव्र वृद्धि हासिल करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है। वैश्विक नरमी के बावजूद हमने अच्छी वृद्धि हासिल की। आज भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में आकर्षक स्थल है। हमें वैश्विक वृद्धि के इंजन के रूप में देखा जा रहा है।’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि व्यापार सुगमता पर काफी जोर दिया गया है तथा लाइसेंस लेने की प्रक्रिया तथा मंजूरी, रिटर्न तथा जांच से संबंधित प्रावधानों एवं प्रक्रियाओं के लिये निर्णायक कदम उठाये गये हैं
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उन्होंने कहा, ‘हम कंपनियों के लिये यहां स्थापित होने तथा विकास के लिये चीजों को और सुगम बनाने के लिये हर दिन अपनी नीतियों एवं प्रक्रियाओं को युक्तिसंगत बना रहे हैं। हमने कई क्षेत्रों में एफडीआई व्यवस्था को उदार बनाया है। भारत आज सर्वाधिक खुली अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है।’ उन्होंने कहा कि मई 2014 के बाद कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 130 अरब डालर पहुंच गया। यह भारतीय अर्थव्यवस्था में विदेशी निवेशकों के भरोसे को प्रतिबिंबित करता है।