वाराणसी: काशी नरेश की जमीन में पुत्रियों के नाम दर्ज करने में कोई अड़चन नहीं

काशी नरेश की कोदोपुर की जमीन में तीनों पुत्रियों का नाम दर्ज करने में कोई अड़चन नहीं। तीनों महाराज कुमारियों की निगरानी याचिका पर उत्तर प्रदेश की राजस्व परिषद ने यह आदेश दिया।

काशी के महाराजा डॉ. विभूति नारायण सिंह की परेड ग्राउंड, ग्राम कोदोपुर स्थित जमीन पर उनकी तीन पुत्रियों विष्णुप्रिया, हरिप्रिया और कृष्णप्रिया का नाम दर्ज किए जाने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है। यह आदेश प्रयागराज स्थित उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के सदस्य (न्यायिक) साहिब सिंह ने दिया है।

आदेश में कहा गया है कि परेड ग्राउंड, ग्राम कोदोपुर स्थित जमीन के संबंध में आठ अगस्त 2001 का आदेश निरस्त किया जाता है। इसके अलावा सदर तहसील के नायब तहसीलदार और उप जिलाधिकारी का आदेश भी निरस्त कर दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि प्रकरण सदर तहसील के नायब तहसीलदार के न्यायालय में इस निर्देश के साथ भेजा जा रहा है कि नामांतरण के वाद को दो माह में गुणदोष के आधार पर निस्तारित करना सुनिश्चित करें।

सदर तहसील के नायब तहसीलदार की अदालत में विष्णुप्रिया, हरिप्रिया और कृष्णप्रिया ने अपने भाई अनंत नारायण सिंह के खिलाफ वाद दाखिल किया था। तीनों बहनों के विधिक सलाहकार अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि महाराजा डॉ. विभूति नारायण सिंह और महारानी जयंती देवी के जीवन काल में पारिवारिक समझौता हुआ था। इसके तहत मौजा कोदोपुर की समस्त आराजी तीनों बहनों को मिली थी।

तीनों बहनें 16 जुलाई 1970 से मौजा कोदोपुर की संपत्ति पर काबिज हैं। मगर, कागजात में उनका नाम संपत्ति के स्वामित्व के संबंध में दर्ज होने से छूट गया था। इस पर छोटे भाई अनंत नारायण सिंह ने वरासतन अपना नाम दर्ज करा लिया। इसलिए महाराजा डॉ. विभूति नारायण सिंह के निधन के बाद आठ अगस्त 2001 की खतौनी को निरस्त कर तीनों बहनों का नाम जमीन के मालिक के रूप में दर्ज किया जाए। हालांकि तीनों बहनों के वाद को पोषणीय न पाते हुए सदर तहसील के नायब तहसीलदार और उप जिलाधिकारी के न्यायालय ने निरस्त कर दिया था। जिसके बाद तीनों बहनों की ओर से 28 दिसंबर 2023 को उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद में निगरानी याचिका दाखिल की गई थी।

महाराजा ने 1970 में ऐसे किया था पारिवारिक बंटवारा
महाराजा डॉ. विभूति नारायण सिंह ने 16 जुलाई 1970 को अपनी अचल संपत्तियों को अ, ब, स और द मद में विभाजित किया था। मद अ में डॉ. विभूति नारायण सिंह ने अपने लिए रामनगर का फर्राशखाना, ग्रासफार्म की भूमि हमीदपुर तथा कटेसर, 4/2 भाग मिंट हाउस और रामनगर का चक्रव्यूह बाग रखा था। मद ब में महारानी जयंती देवी के लिए रामनगर का बाग पटनवा, पटनवा ग्राम और बाग मौजी साहिबा, टेंगरा ग्राम रखा था। मद स में अनंत नारायण सिंह के लिए खजुरी कोठी व बाग नंबर एस 15/38, हिस्सा शीश महल, 1/2 भाग मिंट हाउस और चकिया में हाता गौशाला व भूमि काहढार और मूंसाखाड फार्म, ग्राम पटेसर दिया था। मद द में विष्णुप्रिया, हरप्रिया और कृष्ण प्रिया को रामनगर में परेड ग्राउंड ग्राम कोदोपुर, जाल्हूपुर कोठी व बाग, 3 भाग शीश महल, बाग मुतल्लिक मिंट हाउस और भदौही में बैंक बिल्डिंग दिया था।

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