वाराणसी में यूनेस्को की चौथी विश्व धरोहर बन सकता है सारनाथ

वाराणसी स्थित सारनाथ प्रदेश में यूनेस्को की चौथी विश्व धरोहर बन सकता है। इसे लेकर 24 सितंबर को यूनेस्को की टीम बनारस आ रही है। यहां यूनेस्को की टीम गंगा घाट से लेकर सारनाथ के बीच 10 स्थान देखेगी।

तथागत की उपदेश स्थली सारनाथ को यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने की तैयारी है। यूनेस्को की टीम 24 सितंबर को बनारस दौरे पर आ रही है। इस दौरान वह गंगा घाट से लेकर सारनाथ के बीच 10 प्रमुख स्थलों का भ्रमण करेगी। अगर सब कुछ ठीक रहा तो सारनाथ प्रदेश में यूनेस्को की चौथी विश्व धरोहर बन सकता है।

सारनाथ में चौखंडी और धमेख स्तूप पुरातत्व की सूची में शामिल हैं। संस्कृति विभाग की ओर से यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल करने के लिए डोजियर तैयार कराया गया था। उस डोजियर को जनवरी 2025 में फाइल किया गया। इसके तहत 2025-26 की सूची में सारनाथ को शामिल कराने के लिए प्रयास किया जा रहा है। यूनेस्को की टीम 24 सितंबर को बनारस पहुंच रही है। यह टीम सारनाथ में धमेख स्तूप, चौखंडी स्तूप, खंडहर परिसर, पुरातत्व संग्रहालय, गंगा के घाट, मानमंदिर, बिंदु माधव का धौरहरा का भी भ्रमण करेगी।

विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं ये स्थान
अभी तक उत्तर प्रदेश में आगरा का ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं। सारनाथ में तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 11वीं शताब्दी तक बने बौद्ध स्मारक मौजूद हैं और यह स्थान भगवान बुद्ध के प्रथम उपदेश से जुड़ा होने के कारण विश्वभर के बौद्ध अनुयायियों के लिए आस्था का केंद्र है। सारनाथ क्षेत्र में साफ-सफाई और रंगरोगन के साथ ही धरोहरों को सजाया और संवारने का काम भी अंतिम दौर में चल रहा है। बुद्धा गैलरी के जीर्णोद्धार का कार्य भी लगभग पूर्ण होने वाला है। पुरातत्व विभाग के साथ ही पर्यटन और संस्कृति विभाग के अधिकारी यूनेस्को की टीम के साथ रहेंगे।

दस चयन मानदंडों में से एक को करना होगा पूरा
यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल होने के दस चयन मानदंडों में से कम से कम एक को पूरा करना होगा। इसमें उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य हो के अतिरिक्त स्थल को अपनी अनंतिम सूची में होना चाहिए, नामांकन प्रक्रिया से गुजरना होगा। यूनेस्को के पास उसकी प्रामाणिकता, अखंडता और पर्याप्त सुरक्षा व प्रबंधन सुनिश्चित होना चाहिए।

ये हैं सांस्कृतिक मानदंड
मानव रचनात्मक प्रतिभा का उत्कृष्ट उदाहरण: यह उत्कृष्ट मानव रचनात्मक प्रतिभा का एक अनूठा या असाधारण प्रमाण होना चाहिए।
मानव मूल्यों का आदान-प्रदान: यह एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक परंपरा, सभ्यता या मानव इतिहास के दौरान विचारों या विश्वासों के आदान-प्रदान का प्रतिनिधित्व करता हो।
अद्वितीय या दुर्लभ परंपरा का उदाहरण: यह जीवित या लुप्त हो चुकी सांस्कृतिक परंपरा या सभ्यता का एक अद्वितीय या दुर्लभ प्रमाण होना चाहिए।
मानव इतिहास में महत्वपूर्ण चरण: यह पृथ्वी के इतिहास के प्रमुख चरणों या मानव इतिहास के एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक काल, या कला, साहित्य, वास्तुकला, या प्रौद्योगिकी के महत्वपूर्ण घटनाओं या जीवंत परंपराओं के साथ प्रदर्शित करता हो।
सांस्कृतिक परिदृश्य का उत्कृष्ट उदाहरण: यह किसी संस्कृति के प्रतिनिधि के रूप में भूमि-उपयोग या जल-उपयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण होना चाहिए, विशेष रूप से पर्यावरण के साथ मानव की अंतः क्रिया के कारण जो अपरिवर्तनीय परिवर्तन के कारण कमजोर हो गया हो।
प्रत्यक्ष या मूर्त रूप से संबद्ध: यह प्रत्यक्ष या मूर्त रूप से कलात्मक या साहित्यिक कार्यों के साथ संबद्ध होना चाहिए। स्थानीय पर्यटकों के साथ विश्व भर के पर्यटकों का आवागमन भी निर्भर करता है। स्मारकों के चारों तरफ रखरखाव व सुंदरीकरण भी सूची में शामिल होने के लिए अहम भूमिका अदा करता है।

90 करोड़ के लागत से सारनाथ का हुआ है सुंदरीकरण
विश्व बैंक पोषित भगवान बुद्ध के प्रथम धर्म उपदेश स्थल का 90 करोड़ रुपये से सुंदरीकरण किया गया है। पुरातात्विक खंडहर परिसर के चारों तरफ पेड़ पौधों के साथ ही स्ट्रीट लाइट, पर्यटकों के बैठने के लिए सुविधा, वॉकिंग प्लाजा, इंटरप्रिटेशन वॉल सुरक्षा की दृष्टि से अत्यधिक सीसीटीवी कैमरों को लगाया गया है। पुरातत्व अधिकारियों का माने तो इस बार सारनाथ यूनेस्को के विश्व धरोहर सूची में शामिल होने के लिए सभी मापदंड पर खरा उतर रहा है।

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