नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) यूजी और पीजी की काउंसलिंग एक साथ होगी। इसका खाका नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने तैयार कर लिया है। नई व्यवस्था का फायदा देश के 1.75 लाख छात्रों को मिलेगा। चेयरमैन डॉ. बीएन गंगाधर ने कहा कि सरकारी और गैर सरकारी मेडिकल कॉलेजों की काउंसलिंग 30 दिन में ही कराई जाएगी। अलग-अलग काउंसलिंग में दो से तीन महीने लगते हैं। इसका असर शैक्षिक सत्र पर पड़ता है।
एनएमसी के चेयरमैन शनिवार को आईएमएस बीएचयू के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। साथ ही अमर उजाला संवाददाता से खास बात की। उन्होंने कहा कि अब मरीजों को राष्ट्रीय पहचान नंबर दिया जाएगा। मेडिकल कॉलेजों की दाखिला प्रक्रिया और पारदर्शी बनाई जा रही है। समितियां बनाकर तय समय में सभी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। मेडिकल छात्रों को कुशल बनाने पर जोर है।
पाठयक्रम की पढ़ाई के साथ ही नेतृत्व क्षमता और कौशल विकास पर जोर दिया जा रहा है। मेडिकल कॉलेजों की मान्यता पर डॉ. गंगाधर ने कहा कि जो टीम निरीक्षण के लिए जाती है, वह संकायों, विभागों के निरीक्षण के साथ ही अस्पतालों की व्यवस्था को भी देखती है।
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