भारत से लगभग 9000 करोड़ रु का कर्ज लेकर विदेश भाग जाने वाले शराब कारोबारी विजय माल्या पर सीबीआई का शिकंजा कसता दिखाई दे रहा है और इस बार सीबीआई को विजय माल्या मामले में बड़ी कामयाबी भी मिली है. सीबीआई की टीम सरकार के निर्देशों पर माल्या को भारत लाने के लिए प्रत्यर्पण के किए प्रयत्न कर रही थी. प्रत्यर्पण की विधि को जल्द से जल्द पूरी करने के लिए सीबीआई की टीम, लंदन में रह रहे विजय माल्या के खिलाफ सबूत इकट्ठे करके ब्रिटेन के सामने पेश कर रही थी.
अब ब्रिटेन की एक अदालत ने माल्या के प्रत्यर्पण के सम्बन्ध में भारतीय अधिकारियों की ओर से सौंपे गए बहुत सारे साक्ष्यों को स्वीकार कर लिया है. शुक्रवार को उनकी जमानत अवधि अगली सुनवाई की तारीख 11 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है. अदालत जब अगली सुनवाई करेगी तो वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेट अदालत की न्यायाधीश एम्मा अर्बथनॉट के समक्ष मौखिक दलीलें दी जाएंगी, जिसके बाद न्यायाधीश अगली सुनवाई में मामले पर फैसले की अपनी योजना के संकेत दे सकती हैं.
शुक्रवार की सुनवाई ऐसे समय हुई जब प्रत्यर्पण पर वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के एक पिछले फैसले के खिलाफ भारत सरकार की ओर से उच्च न्यायालय में की गई अपील नकार दी गई थी. लेकिन ब्रिटेन अदालत द्वारा विजय माल्या के खिलाफ दिए गए साक्ष्यों को स्वीकारने एक बाद अब माल्या के जल्द भारत लाए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं. अब देखने यह है कि 11 जुलाई को अदालत का क्या रुख रहता है.
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