अगर अगली बार बैंक आपके सिक्के लेने से मना कर दे तो उनसे जरूर लिखित में लिजिएगा कि क्या उन्हें इसके संबंध में आरबीआई की गाइडलाइन नहीं मिली है? 
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मंगलवार को केंद्र सरकार ने कहा कि आम लोगों की ओर से बैंकों द्वारा सिक्के स्वीकार नहीं करने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं. वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा, ‘‘भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बताया है कि उसे आम लोगों से शिकायतें मिली हैं कि बैंक सिक्के स्वीकार नहीं कर रहे.’’ हालांकि, मंत्री ने कहा कि इन शिकायतों में किसी खास बैंक का नाम नहीं लिखा है.
उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई ने नोटों और सिक्कों की अदला-बदली की सुविधा संबंधी अपने एक परिपत्र द्वारा बैंकों को सलाह दी है कि वे अपनी सभी शाखाओं में लेन-देन और अदला-बदली के लिए सिक्के स्वीकार करें.
शुक्ला ने यह भी कहा कि आरबीआई की क्षेत्रीय शाखाओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे आम लोगों से सिक्के स्वीकार करने के लिए काउंटर खोलें और अपने अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले बैंकों के नियंत्रकों को सलाह दें कि सभी शाखाओं में सिक्के स्वीकार किए जाएं.
सिक्कों से संबंधित एक अन्य सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री राधाकृष्णन ने कहा कि सिक्कों की कानूनी वैधता भारतीय सिक्का निर्माण अधिनियम, 2011 की धारा 6 के अंतर्गत स्पष्ट की गई है और भारतीय रिजर्व बैंक ने आम लोगों को सलाह दी है कि अपने सभी लेनदेन में 10 रुपए के सिक्के वैध मुद्रा के रूप में बेहिचक स्वीकार करें.
मंत्री इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि नोटबंदी के बाद एक साल बीत जाने के बाद भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सिक्कों को स्वीकार करने से क्यों मना कर रहे हैं और सिक्कों की कानूनी वैधता स्पष्ट करने के लिए सरकार ने क्या कार्रवाई की है.
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