विदुर नीति के अनुसार इंसान के इन कर्मों से होती है उसकी आयु कम, करने से बचें इन कामों को!

जीवन एक भ्रम है और मृत्यु शास्वत सत्य है। और हर व्यक्ति को यह सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए। आज के समय में हर व्यक्ति मौत से डरता है, जबकि मौत तो इस पृथ्वी पर एक दिन सबको आनी है। कुछ लोगों की मौत प्राकृतिक रूप से होती है, जबकि कुछ लोगों की मौत अप्राकृतिक रूप से आसामायिक होती है। प्राकृतिक रूप से होने वाली मृत्यु को सही माना जाता है।

विदुर नीति के अनुसार इंसान के इन कर्मों से होती है उसकी आयु कम, करने से बचें इन कामों को!

बुरे कर्मों की वजह से छोटी उम्र में मर जाता है व्यक्ति:

हालांकि यह कोई नहीं जनता है कि उसकी मृत्यु कब होनी है। लेकिन कुछ लोग अपनी औसत उम्र पूरी करने के बाद भी जीते रहते हैं और कुछ लोग छोटी उम्र में ही मर जाते हैं। इसके बारे में कहा जाता है कि यह इंसान के बुरे कर्मों की वजह से हुआ है। जब इंसान अच्छे कर्म करता है तो उसे प्राकृतिक मौत प्राप्त होती है। विदुर ने इसके बारे में कुछ कारण बताये हैं।

श्लोक-

अतिमानोअतिवादश्च तथात्यागो नराधिप।

क्रोधश्चात्मविधित्सा च मित्रद्रोहश्च तानि षट्।।

एत एवासयस्तीक्ष्णा: कृन्तन्यायूंषि देहिनाम्।

एतानि मानवान् घ्नन्ति न मृत्युर्भद्रमस्तु ते।।

अर्थ:

*- जो व्यक्ति बेवजह की बातें करता है और आवश्यकता से ज्यादा बोलता है, वह कई बार कुछ ऐसी बातें भी बोल देता है जो उसे नहीं बोलना चाहिए। इस वजह से कई बार उसे परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। इसलिए इंसान को केवल उतना ही बोलना चाहिए, जीतने की जरूरत हो। असंयमित वाणी से व्यक्ति की आयु भी कम होती है।

*- जो लोग अधिक गुस्सा करते हैं, उनकी भी आयु कम होती है। जो लोग ज्यादा गुस्सा करते हैं, वह गुस्से में कई बार ऐसे काम कर देते हैं, जिससे भविष्य में उन्हें बुरे परिणाम देखने को मिलते हैं। गुस्से को नर्क का द्वार भी कहा जाता है, अर्थात् जो व्यक्ति ज्यादा गुस्सा करता है उसे नर्क में जगह मिलती है।

*- लालची और स्वार्थी व्यक्ति को भी जल्दी मृत्यु प्राप्त हो जाती है। ऐसे लोग हर समय अपने बारे में ही सोचते हैं। ऐसे लोग अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं। वह लोगों को नुकसान पहुंचाता है। इंसान का स्वार्थ ही उसकी आयु को कम करता है।

*- कुछ लोगों को खुद पर बहुत ज्यादा घमंड होता है, इसलिए वह दूसरों को छोटा समझता है। ऐसे लोग हर समय दूसरों का अपमान करते रहते हैं। व्यक्ति की इस आदत की वजह से भी उसकी आयु कम हो जाती है।

*- हर व्यक्ति को अपने से ज्यादा दूसरों के बारे में सोचना चाहिए। उसके अन्दर त्याग और समर्पण की भावना होनी चाहिए। ऐसा करके वह समाज में सुख और शांति से जीवन यापन करता है। जबकि इसके उलट जिसके अंदर त्याग और समर्पण की भावना नहीं होती है, उसकी आयु कम हो जाती है और वह जल्दी मर जाता है।

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