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वहीं कार्यकारी मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम ने शशिकला कैम्प पर आरोप लगाया कि उन्होंने कई विधायकों को गोल्डन बे रिजॉर्ट में बंधक बना कर रखा है, और वो भूख हड़ताल पर बैठे हैं। पनीरसेल्वम कैंप ने भी 100 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। हालांकि अभी उनके पास महज 5 विधायकों का समर्थन हासिल है।
पनीरसेल्वम ने भी गुरुवार को राज्यपाल से मुलाकात कर कहा कि वो अपना इस्तीफा वापस ले सकते हैं। शाम पांच बजे मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम भी राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे। मुख्यमंत्री के करीब सूत्रों ने बताया कि पनीरसेल्वम ने राजभवन में राज्यपाल से करीब 15 मिनट बातचीत की।
हालांकि सूत्रों ने इस बात से अनभिज्ञता प्रकट की कि दोनों के बीच क्या बातचीत हुई। यह भेंट ऐसे वक्त में हुई है जब पनीरसेल्वम कह रहे हैं कि यदि जरूरत हुई तो वह मुख्यमंत्री के पद से अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे, जो उन्होंने पिछले रविवार को दिया था।
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राज्यपाल से मुलाकात के बाद पनीरसेल्वम ने संवाददाताओं से कहा, ‘अच्छा ही होगा और धर्म की जीत होगी।’ राजभवन से वापस लौटने के बाद मुख्यमंत्री अपने ग्रीनवे रोड सरकारी निवास पहुंचे और अपने समर्थकों के साथ बैठक की। उन्हें फिलहाल पूर्व मंत्री केपी मुनुसामी, नथम आर विश्वानाथन, राज्यसभा सदस्य वी मैत्रियन और कुछ वर्तमान विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इस मामले में अभी राज्यपाल ने अपना रुख साफ नहीं किया है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार शशिकला शाम को अपने आवास से निकलीं और सीधे मरीना बीच स्थित जयललिता के समाधि स्थल गईं। वहां उन्होंने अम्मा की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित और फिर वहां से पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ 7:25 बजे राज्यपाल से मिलने पहुंचीं।
उन्होंने राज्यपाल के साथ 40 मिनट की भेंट के दौरान सरकार गठन का दावा किया और उन्हें एक पत्र सौंपा। माना जाता है कि इस पत्र में उन विधायकों के नाम हैं जिन्होंने उन्हें अन्नाद्रमुक विधायक दल का नेता चुना।
शशिकला ने राज्यपाल से उन्हें सरकार बनाने का न्यौता देने का अनुरोध किया।