मुंबई : विनोद खन्ना ने मोह माया के सारे बंधन तोड़ कर आज दुनिया को अलविदा कह दिया है. पूरा देश विनोद की मौत का शोक मना रहा है. उनके बारे में कई बातें हैं, जो आज भी सुर्खियां बटोर रही हैं. चाहे वह उनका अफेयर हो या बॉलीवुड की चमचमाती लाइफ को छोड़कर सन्यासी बन जाना. बॉलीवुड के सबसे हैंडसम एक्टर ने अपने करियर के टॉप पर पहुंचकर बॉलीवुड से अपना मुंह मोड़ लिया. इस मामले में कई अफवाहें उड़ी थीं. विनोद की लाइफ का सच बच्चन परिवार के राज खोल देगा. विनोद के सन्यासी बनने में बिग बी के पिता हरिवंश राय बच्चन का भी योगदान था.
साल 1980 में विनोद ने अपने इस फैसले से परिवार के साथ पूरे देश को चौंका दिया. विनोद ने प्रेस कान्फ्रेस में कहा था कि वह अपने गुरु ओशो रजनीश के कहने पर इंडस्ट्री छोड़ रहे हैं. उन्होंने अपना नाम स्वामी विनोद भारती रख लिया.
कहा जाता है कि ओशो रजनीश अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन के दोस्त थे. विनोद अपने जमाने के टॉप एक्टर में से एक थे और उस दौर में अमिताभ भी बहुत बड़े स्टार थे. विनोद स्टार के तौर पर अमिताभ को टक्कर दे रहे थे. हरिवंश राय अपने बेटे के लिए बहुत प्रोटेक्टिव थे.
लोगों और खबरों में सिर्फ विनोद ही छाए रहते थे. माना जा रहा था कि विनोद, अमिताभ से उनसे बड़े स्टार होंगे. लेकिन हरिवंश ने ओशो से रिक्वेस्ट की. वह विनोद का बॉलीवुड से मोहभंग करा दे. इसी वजह से ओशो ने विनोद को स्पिरिचुअलिटी की तरफ मोड़ दिया.
हरिवंश और ओशो बहुत अच्छे दोस्त थे. उनकी मुलाकात ओशो से स्कूल में टीचर रहने के दिनों हुई थी. उनको कविताएं सुनाईं और दोनों में दोस्ती हो गई. जब अमिताभ स्टार बन गए तो हरिवंश राय ओशो से मिलने पुणे गए. वहां पर उनको इंतजार करने को कहा गया. ओशो की सेविका ने कहा कि भगवान आराम कर रहे हैं. भगवान शब्द सुनकर हरिवंश का मन खिन्न हो गया. इसके बाद दोनों के रिश्ते ने गहरी दरार पड़ गई. ओशो से दूर होते चले गए.