नई दिल्ली: संसद के दोनों सदनों में बगैर चर्चा के तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का बिल पास होने और उच्च सदन के 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन के बाद कांग्रेस और 13 अन्य विपक्षी दल पूरे शीतकालीन सत्र का बहिष्कार कर सकते हैं. ये 12 निलंबित सांसद 23 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में शामिल नहीं हो सकेंगे. मंगलवार सुबह विपक्षी दलों की होने वाली मीटिंग में आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी, जिसमें शीतकालीन सत्र को बहिष्कार करने का भी फैसला हो सकता है, साथ ही सरकार के विरोध में प्रदर्शन जारी रह सकता है.
कांग्रेस के नेतृत्व में होने वाली इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस (TMC) शामिल नहीं होगी. TMC के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि पार्टी ने अगली रणनीति के लिए एक अलग बैठक बुलाई है. 12 निलंबित सांसदों में TMC की डोला सेन और शांता छेत्री का भी नाम है. इसके अतिरिक्त जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है, उनमें CPM से एलामरम करीम, कांग्रेस से छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजामणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, CPI से बिनय विश्वम और शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी तथा अनिल देसाई का नाम शामिल है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दो विपक्षी नेताओं ने बताया कि संसद के शेष सत्र को बहिष्कार करना एक विकल्प है, किन्तु इस योजना पर सभी दलों को सहमत होना होगा. यह योजना इस पर भी निर्भर करेगी कि क्या विपक्षी पार्टियों को संसद में फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के लिए कानून बनाने की मांग करने का अवसर मिलेगा. एक कांग्रेस नेता ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर बताया कि, ‘यदि हमें MSP पर कानून और संबंधित मुद्दों को उठाने का मौका नहीं मिलता है तो सत्र का बहिष्कार करने के अतिरक्त हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचेगा.’
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