वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में विप्रो की आमदनी में अनुमान से अधिक बढ़ोतरी हुई और इसने 11,000 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक करने का भी ऐलान किया है। आईटी इंडस्ट्री की ग्रोथ कुछ साल से सुस्त चल रही है और इस बीच निवेशकों की मांग पर दूसरी कंपनियों ने भी बायबैक के ऐलान किए हैं। बायबैक से आमतौर पर शेयर की कीमत चढ़ती है, जिससे निवेशकों का रिटर्न बढ़ता है।
विप्रो के बोर्ड ने 320 रुपये के भाव पर 34.37 करोड़ शेयर बायबैक करने की मंजूरी दी है। इससे बायबैक की कुल रकम 11,000 करोड़ रुपये होती है। कंपनी की तरफ से यह 2 साल में दूसरा बायबैक होगा। विप्रो की आमदनी 30 जून को खत्म तिमाही में पिछली तिमाही की तुलना में 0.3 पर्सेंट बढ़कर 1.97 अरब डॉलर रही। इसमें करंसी में उतार-चढ़ाव का असर शामिल नहीं है।
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कंपनी की आमदनी 1.91-1.95 अरब डॉलर रहने का अनुमान लगाया गया था। उसकी नेट इनकम इस तिमाही में गिरकर 32.1 करोड़ डॉलर या 2,080 करोड़ रुपये रह गई। कंपनी के चीफ फाइनैंशल ऑफिसर जतिन दलाल ने बताया, ‘हम शेयरहोल्डर्स को एफिशिएंट रिटर्न देना चाहते हैं और बायबैक इसी पॉलिसी का हिस्सा है।’ सुस्त ग्रोथ की निवेशकों की चिंता दूर करने के लिए अब तक टीसीएस, कॉग्निजेंट, इन्फोसिस और अब विप्रो ने बायबैक का प्रस्ताव पेश किया है।
देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर एक्सपोर्टर टीसीएस ने मई में 16,000 करोड़ रुपये के बायबैक का ऐलान किया था, जो हाल ही में पूरा हुआ है। इन्फोसिस ने कहा था कि वह बायबैक और डिविडेंड के जरिए निवेशकों को 13,000 करोड़ रुपये लौटाएगी। गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विप्रो ने जून क्वॉर्टर के रिजल्ट का ऐलान करते हुए कहा कि सितंबर तिमाही में उसकी ग्रोथ सुस्त रह सकती है।
विप्रो ने बताया कि इस क्वॉर्टर में उसे 1.96-2 अरब डॉलर की आमदनी की उम्मीद है। इसका मतलब यह है कि सितंबर तिमाही में कंपनी की आमदनी में तिमाही आधार पर 0.5 पर्सेंट की कमी आएगी या 1.5 पर्सेंट की ग्रोथ होगी। कंपनी के सीईओ आबिदली नीमचवाला ने कहा, ‘हमने जो गाइडेंस दिया था, उसमें सबसे अधिकतम आमदनी हासिल की है। हम डिजिटल टेक्नॉलजी पर ध्यान दे रहे हैं। इसके साथ हम अपने क्लाइंट्स से अधिक काम हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे बड़े क्लाइंट्स से हमें अधिक ग्रोथ मिली है।’
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उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी को हेल्थकेयर बिजनस में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। नीमचवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हमारे कोर बिजनस में रिकवरी हो रही है, लेकिन बिजनस को कई रेग्युलेटरी अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद हम जनवरी-मार्च 2018 तिमाही में इंडस्ट्री की औसत ग्रोथ तक पहुंचने की तरफ बढ़ रहे हैं।’