विमानन कंपनियां बुजुर्गों और दिव्यांगों की जान से कर रही खिलवाड़
विमानन कंपनियां बुजुर्गों और दिव्यांगों की जान से खिलवाड़ कर रही हैं। व्हील चेयर से जाने वाले यात्रियों को सुरक्षित तरीके से विमान तक या विमान से टर्मिनल तक नहीं ले जाया जा रहा है। डीजीसीए यानी नागर विमानन निदेशालय के अधिकारियों ने लखनऊ में औचक जांच की तो यह तथ्य सामने आया। एक एयरलाइंस को नोटिस दिया गया तो कुछ को चेतावनी।
डीजीसीए के अधिकारियों ने टर्मिनल के बाहर से व्हील चेयर पर बैठा कर दो यात्रियों को ले जाते देखा। पीछे जाने पर दिखाई पड़ा कि यात्री को बिना बेल्ट लगाए पोर्टर व्हील चेयर को तेजी से ले जा रहा था। विमान के पास पहुंचने के बाद रैम्प पर व्हील चेयर चढ़ाते समय भी सुरक्षा बेल्ट नहीं लगाई गई। इसके बाद दूसरी व्हील चेयर से एक यात्री को लाया गया। उसको भी सीधे रैम्प से विमान तक चढ़ा दिया गया। इस पर डीजीसीए के सहायक महानिदेशक सत्येन्द्र वर्मा ने विमानन कंपनी के कर्मचारियों को फटकार लगाई।
इसके बाद इंडिगो को नोटिस भेजा गया है। इसी तरह अन्य एयरलाइंस को भी चेतावनी दी गई है। डीजीसीए के सूत्रों ने बताया कि इसके पूर्व भी मौखिक रूप से एयरलाइंस कर्मचारियों को चेताया गया था। बावजूद इसके उनकी कार्य प्रणाली में कोई सुधार नहीं दिखा। ऐसे में औचक निरीक्षण कर नोटिस जारी करना पड़ा।
गंभीर बीमारी से जूझ रहे यात्री भी व्हील चेयर से ले जाए जाते हैं
विमान में यात्रा करने वाले कई गंभीर मरीज भी होते हैं जो इलाज के लिए मुम्बई, अहमदाबाद या चेन्नई आते जाते हैं। लखनऊ एयरपोर्ट से रोजाना 115 से 118 उड़ानें हैं। इनमें 13 अन्तरराष्ट्रीय उड़ानें शामिल हैं। एयरपोर्ट सूत्रों के अनुसार रोजाना 18 हजार यात्रियों की यहां आवाजाही है। इनमें 250 से 300 बुजुर्ग, दिव्यांग यात्री होते हैं जिनको व्हील चेयर की आवश्यकता पड़ती है। कभी – कभी यह आंकड़ा 500 से पार पहुंच जाता है।