दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कोच रे जेनिंग्स का मानना है कि टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ‘ड्रेसिंग रूम में डरे’ हुए रह सकते हैं और उन्हें एक बेहतर मार्गदर्शक की जरुरत है,, जो एक लीडर के रूप में उनकी क्षमता को बढ़ावा दे।
जेनिंग्स ने कोहली की प्रगति अंडर-19 क्रिकेट के दिनों से देखी है, जब वह रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के साथ कोच के रूप में जुड़े हुए थे। जेनिंग्स ने पीटीआई से बातचीत में कहा, ‘कप्तान के रूप में मुझे नहीं लगता कि विराट कोहली अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में हैं। भारतीय क्रिकेट सिस्टम को विराट कोहली को कप्तान के रूप में पालना होगा। एमएस धोनी से कोहली के हाथों में कमान आना बहुत बड़ा बदलाव है। धोनी बेहद शांत हैं जबकि कोहली इसके बिलकुल विपरीत। वह ड्रेसिंग रूम में डरे रह सकते हैं और ऐसे में कभी उनकी टीम के साथी इस सोच में पड़ जाएंगे कि असलियत में कोहली कौन हैं।’
जेनिंग्स का विचार है कि कोहली युवाओं में ‘डर’ पैदा कर सकते हैं और इसी वजह से उन्हें एक शांत मेंटर की जरूरत है। जेनिंग्स ने कहा, ‘ड्रेसिंग रूम में डर फैल सकता है और आप यह बिलकुल नहीं चाहेंगे कि इतने युवाओं पर इसका असर पड़े। भारतीय क्रिकेट को ऐसे लोगों की जरूरत है, जो कोहली पर प्रभाव बनाए और उन्हें सुधार करते हुए बेहतर नेतृत्वकर्ता बनने के लिए प्रेरित कर सकें।’
हालांकि, जेनिंग्स का यह भी मानना है कि विराट कोहली में उम्र के साथ सुधार आता जाएगा। उन्होंने कहा, ‘उम्र के साथ कोहली सुधरते जाएंगे और नैसर्गिक रूप से काफी शांत भी हो जाएंगे। वह आपके मुंह पर ज्यादा आक्रामक नहीं रहेंगे। मगर कई स्थितियों में जब चीजें शांत नहीं होंगी या फिर ड्रेसिंग रूम से डर का भाव निकालना होगा, तो कौन कोहली को अपना बेहतर वर्जन बनना सिखाएगा?’
बकौल जेनिंग्स, ‘कोहली समझदार हैं और अपने अंदर बदलाव लाने के लिए तैयार हैं। वह सर्वश्रेष्ठ बनना चाहते हैं और उनमें वो शैली मौजूद है, जो वर्ल्ड का बेस्ट प्लेयर बनाएंगी। फिर भी उन्हें सहयोग की जरुरत है।’
कोहली ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ छह मैचों की सीरीज के पहले वन-डे में अपने वन-डे करियर का 33वां शतक जमाया। इसके बाद सेंचुरियन में खेले गए दूसरे वन-डे में उन्होंने 46 रन की नाबाद पारी खेली। पिछले पांच वन-डे में 29 वर्षीय बल्लेबाज ने तीन शतक जमाए और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हाल ही में संपन्न तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में वह सर्वश्रेष्ठ स्कोरर भी रहे।
जेनिंग्स ने कहा, ‘इस उम्र में ही कोहली ने 33 शतक जमा दिए हैं और वह वन-डे क्रिकेट में सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ बनने की ओर अग्रसर हैं। अभी उनमें 10 साल की क्रिकेट बची है। इसलिए इसमें कोई शक नहीं कि अगले तीन से चार सालों में वह क्यों नहीं बेहतर बनते जाएंगे। मेरे ख्याल से 32 वर्ष की उम्र किसी भी बल्लेबाज के लिए सबसे अच्छी होती है और अभी कोहली को वहां पहुंचने में समय है। ऐसे में आप 33 शतकों में इजाफा कर सकते हैं।’