इससे पहले शनिवार को भी कुमार विश्वास ने कहा था कि 5-6 लोगों की राजमहलीय बंगलों वाली राजनीति उन्हें नहीं करनी है। उससे एक बदम आगे बढ़ते हुये रविवार को विश्वास ने राजमहल के षडयंत्रों की बात कही। इसमें इशारे-इशारे में खुद का राम और पार्टी के भीतर के अपने विरोधियों की तुलना राजमहल के षडयंत्रकारियों से की।
पार्टी के अंदरूनी संघर्ष पर कुमार विश्वास ने कहा कि आज राजस्थान में कार्यकर्ता उहापोह में है। वह दिल्ली की खबरों से विचलित हो सकते हैं। लेकिन उन्हें समझना होगा। अगर बुरे लोगों को लेकर चुनाव जीत गए, तो आंदोलन हार जाएंगे। लेकिन ईमानदार लोगों संग अगर चुनाव हार भी गये तो आंदोलन जीत जाएगा। हमारी पूरी कोशिश आंदोलन की आत्मा को बचाये रखने की है।
कुमार विश्वास ने कहा कि वह अपने खिलाफ पार्टी के भीतर चलने वाले किसी भी षडयंत्र पर नहीं बोलेंगे। लोग चाहे चरित्र हनन भी कर लें, तब भी नहीं बोलना है। राजस्थान में पार्टी का काम बोलेगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि रविवार की बैठक की खबरें जब बाहर जायेगी तो कुछ आत्म प्रपंची बौने फिर चिल्लायेंगे। जब वो चिल्लायेंगे तो समझ जाना कि पोस्टर बहुत छोटी चीज है। वह चरित्र हनन भी करेंगे, लेकिन इससे घबराना नहीं है।
कुमार विश्वास ने विपक्षी नेताओं पर निजी हमले न करने की रणनीति के खिलाफ पार्टी से उठ रही विरोधी आवाजों पर फिर दुहराया कि चुनाव प्रचार में वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ मुहिम चलेगी। लेकिन उन पर निजी हमला नहीं होगा। उनकी बारे में राजस्थान के लोग बखूबी जानते हैं। इस रणनीति में अगर किसी को आपत्ति है तो वह अपनी सलाह घर पर रखे। पार्टी के अंदर और बाहर निजी हमले नहीं करेंगे। भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ बोलेंगे, उनके नेताओं के खिलाफ नहीं।
उन्होंने कहा कि हर विधान सभा में अच्छा काम करने वाला हमारा नेता होगा। पर्यवेक्षकों की अवहेलना कोई नहीं करेगा। 25 को राजस्थान में बैठक होगी। उस दिन सभी विधानसभा के पर्यवेक्षकों को आना है। फिलहाल रजिस्ट्रेशन का दौर शुरू हो गया है। 18 साल से अधिक की उम्र वाले लोग अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
कुमार विश्वास ने कहा कि दिल्ली का नेतृत्व पूरी तरीके से उनसे सहमत है। राजस्थान में संगठन ऐसा बनेगा, जिस पर पूरी पार्टी यकीन करेगी। उन्होंने कहा कि अगस्त में राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव होना है। अगले तीन महीने में पार्टी के छात्र संगठन सीवाईएसए का संगठन खड़ा करेंगे और चुनाव भी लड़ेंगे। हारने-जीतने की चिंता नहीं करनी है। शुरू में मैं जाऊंगा, बाद में बड़े नेता रैली करेंगे।