विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में कहा है कि कोरोना वायरस का ओमीक्रॉन वेरिएंट अब तक 89 में पहुंच चुका है। जी दरअसल संगठन ने हाल ही में यह भी बताया है कि, ‘यह उन जगहों पर डेल्टा वेरिएंट की तुलना में तेजी से फैलता है, जहां कम्युनिटी ट्रांसमिशन का स्तर अधिक है।’ आपको बता दें कि संगठन का कहना है कि डेढ़ से तीन दिन में ओमीक्रॉन के मामले दोगुने हो रहे हैं। फिलहाल डब्लूएचओ के इस बयान के बाद से दुनियाभर में ओमीक्रॉन को लेकर चिंता बढ़ गई है।
बीते शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी को ओमीक्रॉन (B.1.1.529) से निपटने की तैयारी को लेकर एक रिपोर्ट भी जारी की थी। जी दरअसल उसने कहा कि मौजूदा आंकड़ों को देखते हुए यह आशंका है कि ओमीक्रॉन उन जगहों पर डेल्टा की जगह ले लेगा, जहां सामुदायिक स्तर पर संक्रमण फैल रहा है। एक रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि, ’16 दिसंबर तक ओमीक्रॉन का पता 89 देशों में चला है। जितना अधिक डाटा उपलब्ध होगा, उतना ज्यादा ही इस वेरिएंट के बारे में पता चलेगा।’ डब्ल्यूएचओ का कहना है कि मौजूदा आंकड़ों से पता चलता है कि ओमीक्रॉन डेल्टा वेरिएंट से अधिक तेजी से फैलता है।
जी दरअसल यह डेल्टा की तुलना में सामुदायिक प्रसार वाले देशों में बहुत तेजी से फैल रहा है और इसके मामले डेढ़ से तीन दिन में दोगुने हो जाते हैं। आप सभी को यह भी बता दें कि ओमीक्रॉन से ब्रिटेन और अमेरिका में हालात बेकाबू हो रहे हैं। वहीं यूरोप में प्रतिबंधों को सख्त कर दिया गया है। फिलहाल ओमीक्रॉन से उत्पन्न होने वाली कोविड-19 की संभावित नई लहर से बचने की कोशिश में विभिन्न यूरोपीय देश सख्त प्रतिबंध लगा रहे हैं। इसकी वजह से पेरिस से लेकर बार्सिलोना तक लोगों ने विरोध करना भी शुरू कर दिया है। वहीं फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के मंत्री महामारी के तेजी से फैलने के चलते अलर्ट हो गए हैं।
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