सभी वोटरों को लुभा रहे हैं, लेकिन ठोस नीति पर कोई भी सरकार काम नहीं करतीं। एमजीसी जर्नलिज्म की छात्रा नवदीप कौर, सुपिंदर कौर, पूजा और परविंदर कौर ने कहा कि किसी भी सरकार के पास नौजवानों के लिए ठोस पॉलिसी नहीं है। ऐसे में नौजवान गलत रास्तों पर जा रहे हैं। रोजगार मिलेगा तभी घर का गुजारा अच्छे से चलेगा। आरक्षण खत्म होना चाहिए। सभी को बराबर का हक देना चाहिए। जनरल भी नौकरी के लिए ज्यादा फीस भरते हैं, लेकिन नौकरी एससी को मिलती है जनरल के पास क्या ज्यादा पैसे हैं नौकरी अप्लाई करने के लिए।
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वहीं संजय कुमार, आशिव मोहम्मद और अर्शदीप मेहरा ने कहा कि हमें आटा दाल और चीनी चाय पत्ती नहीं चाहिए। हमारी पढ़ाई पूरी होने वाली है। इसके बाद रोजगार कहां से मिलेगा? माता-पिता पढ़ा सकते हैं, लेकिन बच्चों की किस्मत तो नहीं बना सकते। सरकारों की जिम्मेदारी होती है नौजवानों का भविष्य संवारना। हम वोट उसी उम्मीदवार को देंगे जो बेरोजगारी खत्म करेंगे।
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रोजगार है तो सब कुछ है। पिछले दस सालों में उनके परिवार ने सभी पार्टियों को वोट देकर देख लिए लेकिन किसी ने भी सिवाए झूठे आश्वासन के कुछ नहीं दिया हमें रोजगार चाहिए। नौजवानों का भविष्य धुंधला है सभी विदेश की ओर जा रहे हैं जिसके पास विदेश जाने के लिए पैसा नहीं है, वे इसी धीमे सिस्टम में पिस रहे हैं।