आपने किसी के मुँह से यह जरूर सुना होगा कि स्त्री के स्वाभाव को समझ पाना तो भगवान के भी बस की बात नहीं है पर आज हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसे भारतीय शास्त्र के बारे में जिसमे आपको इस सवाल का जवाब बहुत ही आसानी से मिल जायेगा.
ऐसा कहा जाता है की हमारे हर सवाल का जवाब हमें वेद और पुराण में मिल सकता हैअगर हम चाहे तो इन्हे पढ़कर हजन सकते है तो क्यों न आज इस सवाल का जवाब भी वेद में से ही जाने कि किस रंग की स्त्री का स्वाभाव कैसा होता है. ज्योतिष विद्या में सामुद्रिक शास्त्र का नाम प्रमुखता के साथ लिया जाता है और आपने इस शास्त्र का नाम तो जरूर ही सुना होगा पर इस शास्त्र की एक शाखा में त्वचा के रंग से “स्त्री के स्वभाव का आंकलन” सम्मिलित किया गया है जिससे आप किसी भी स्त्री के नेचर को जान सकते है .
गहरी या सांवली रंग की स्त्री : जिन स्त्रियों की त्वचा का रंग गहरा या सांवला होता है वह स्वभाव से बेहद मेहनती और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहती हैं. ये लोग सामाजिक रिवाजों और परंपराओं से दूर रहते हैं इसलिए इनका मानसिक विकास बेहतर तरीके से नहीं हो पाता है.
अत्यधिक काले रंग की स्त्री : वे स्त्रियां जिनका रंग अत्याधिक काला होता है, यहां तक कि आंखें, बाल और जीभ भी काली होती हैं, वे स्वभाव से बहुत कोमल कही जा सकती हैं. लेकिन परिस्थितियां अनुकूल ना हों तो ये स्त्रियां काफी हद तक कठोर बन जाती हैं.
गोरी रंग की स्त्री : जिनका रंग गोरा और गुलाबी जिसे हल्का पिंकिश कह सकते हैं, इस रंग वाली महिलाएं देखने में बेहद आकर्षक होती हैं . ये बहुत बुद्धिमान और पढ़ने-लिखने की शौकीन होती हैं इनके अलावा पीले और सफेद का मिश्रण के रंग वाली महिलाएं स्वभाव से विनम्र, गंभीर, धैर्यवान और वेल मैनर्ड होती हैं,जानकारों की मानें तो वे महिलाएं जो गोरी होती हैं, अपने साथी के प्रति समर्पित और बहुत सौभाग्यशाली कही जा सकती हैं. बहुत ही कम ऐसा होता है, जब इन्हें जीवन में आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता हो .
गेहुआ रंग की स्त्री : जिनका रंग ना तो काला और ना गोरा होता है, वे धार्मिक कार्यों में रुचि रखती हैं. ये महिलाएं गृहस्थी संभालकर रखती हैं, मांगने से ज्यादा देने में विश्वास रखती हैं. लाइफ में ज्यादा टेंशन ना लेने वाली ये महिलाएं विश्वसनीय भी होती हैं.