पाकिस्तान वैश्विक आतंकी निगरानी सूची में शामिल होने से बचने के लिए रणनीति तैयार कर रहा है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री राणा अफजल खान ने कहा कि पेरिस में हाल की बैठक में इस्लामाबाद को ग्रे सूची में शामिल करने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम इस मसले को चीन और सऊदी अरब के समक्ष उठाएंगे।
फ्रांस की राजधानी पेरिस में मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी निगरानी विभाग वित्तीय कार्य टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के सदस्यों ने पिछले हफ्ते राष्ट्रों की अपनी ग्रे सूची में पाकिस्तान को शामिल करने के लिए मतदान किया था। इस बैठक में एक प्रस्ताव के जरिये कहा गया कि पाकिस्तान आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने में नाकाम रहा है। लेकिन पाकिस्तान को इस सूची से बचने के लिए तीन महीने यानी जून तक का पर्याप्त समय दिया गया है।
अगर इन तीन माह में पाकिस्तान इससे निपटने में फिर नाकाम रहा तो पाकिस्तान कुछ विदेश निवेश गंवा सकता है और वाशिंगटन के साथ उसके रिश्ते आगे भी तनावपूर्ण रहेंगे। बहरहाल विदेश मंत्री अफजल खान ने कहा कि वह एक मार्च से एफएटीएफ के मसले पर बातचीत की शुरुआत करेंगे। देखते हैं इस पर आगे हमें क्या करना है और आगे क्या रणनीति बनाई जाती है।