‘आई वसंत पाला उड़ंत…’ कहावत के अनुसार वसंत ऋतु के आगमन के साथ सर्दी खत्म हो जाती है। लेकिन वसंत ऋतु के आगमन के साथ ही उत्तर भारत में मंगलवार को मौसम ने करवट बदली और जाती हुई ठंड लौट आई। पहाड़ी राज्यों के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश से कड़ाके की ठंड बढ़ गई है। हालांकि यह बारिश फसलों के फायदेमंद बताई जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार अगले चौबीस घंटे में पहाड़ी राज्यों के कई हिस्सों में बारिश और भारी बर्फबारी हो सकती है। शिमला में मंगलवार दोपहर बाद सीजन की पहली बर्फबारी हुई। शिमला की सबसे ऊंची चोटी जाखू में देर शाम तक करीब डेढ़ फुट बर्फबारी रिकॉर्ड की गई। शहर से सटे पर्यटन स्थल कुफरी और नारकंडा में भी ताजा हिमपात हुआ है। रोहतांग, जलोड़ी दर्रा, लाहौल, चंबा के डलहौजी, भरमौर, तीसा, होली, सिरमौर के नौहराधार, चूड़धार, मंडी के शिकारी देवी, थाची, कमरूनाग, सोलन के चायल और किन्नौर की चोटियां बर्फ की चादर ओढ़कर सफेद हो गई हैं।
शिमला में मंगलवार दोपहर बाद सीजन की पहली बर्फबारी हुई। शिमला की सबसे ऊंची चोटी जाखू में देर शाम तक करीब डेढ़ फुट बर्फबारी रिकॉर्ड की गई। शहर से सटे पर्यटन स्थल कुफरी और नारकंडा में भी ताजा हिमपात हुआ है। रोहतांग, जलोड़ी दर्रा, लाहौल, चंबा के डलहौजी, भरमौर, तीसा, होली, सिरमौर के नौहराधार, चूड़धार, मंडी के शिकारी देवी, थाची, कमरूनाग, सोलन के चायल और किन्नौर की चोटियां बर्फ की चादर ओढ़कर सफेद हो गई हैं।
 शिमला में मंगलवार दोपहर बाद सीजन की पहली बर्फबारी हुई। शिमला की सबसे ऊंची चोटी जाखू में देर शाम तक करीब डेढ़ फुट बर्फबारी रिकॉर्ड की गई। शहर से सटे पर्यटन स्थल कुफरी और नारकंडा में भी ताजा हिमपात हुआ है। रोहतांग, जलोड़ी दर्रा, लाहौल, चंबा के डलहौजी, भरमौर, तीसा, होली, सिरमौर के नौहराधार, चूड़धार, मंडी के शिकारी देवी, थाची, कमरूनाग, सोलन के चायल और किन्नौर की चोटियां बर्फ की चादर ओढ़कर सफेद हो गई हैं।
शिमला में मंगलवार दोपहर बाद सीजन की पहली बर्फबारी हुई। शिमला की सबसे ऊंची चोटी जाखू में देर शाम तक करीब डेढ़ फुट बर्फबारी रिकॉर्ड की गई। शहर से सटे पर्यटन स्थल कुफरी और नारकंडा में भी ताजा हिमपात हुआ है। रोहतांग, जलोड़ी दर्रा, लाहौल, चंबा के डलहौजी, भरमौर, तीसा, होली, सिरमौर के नौहराधार, चूड़धार, मंडी के शिकारी देवी, थाची, कमरूनाग, सोलन के चायल और किन्नौर की चोटियां बर्फ की चादर ओढ़कर सफेद हो गई हैं।
शिमला-रामपुर, कुल्लू-आनी नेशनल हाईवे समेत सूबे की 143 सड़कों पर यातायात ठप हो गया है। करीब 205 बस रूट प्रभावित हुए हैं। कई स्थानीय लोग और सैलानी फंसे हुए हैं। मैदानी इलाकों में दिन भर झमाझम बारिश का सिलसिला जारी रहा। करीब दो महीने के सूखे के बाद हुई बारिश-बर्फबारी से किसानों-बागवानों को बड़ी राहत मिली है।
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