वैष्णो देवी के बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) अब अमरनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों की सुविधाओं और प्रदूषण पर सख्त हुआ है. एनजीटी ने यात्रा आयोजित कराने वाले अमरनाथ श्राइन बोर्ड को फटकार लगाते हुए पूछा है कि 2012 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन क्यों नहीं हो रहा है. कोर्ट ने बोर्ड से इस पर स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की है.अभी-अभी: साक्षी महाराज ने दिया बड़ा बयान, कहा- 2019 से पहले राम मंदिर के निर्माण को नहीं रोक सकती दुनिया की कोई ताकत
गुफा के पास साइलेंस जोन
एनजीटी ने बुधवार सुबह अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाओं, पवित्र गुफा के आसपास साफ-सफाई और गुफा तक जाने वाले मार्ग पर श्राइन बोर्ड को फटकार लगाई है. एनजीटी ने गुफा के पास के पूरे इलाके को साइलेंस जोन घोषित करने का सुझाव दिया है. एनजीटी ने कहा कि इससे बर्फीली वादियों में आने वाले एवलांच से भी बचा जा सकता है.
गुफा के पास नारियल फेंकने पर भी उठाए सवाल
इसके साथ ही गुफा के पास नारियल फेंकने पर भी एनजीटी ने सवाल उठाया. गुफा के पास बढ़ती दुकानों और खुले में बनाए गए टॉयलेट्स को न हटाने पर भी एनजीटी ने श्राइन बोर्ड को फटकार लगाई. ट्रिब्यूनल ने अमरनाथ यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं और गुफा के पास पर्यावरण संरक्षण के लिए कमेटी बनाई है.
वैष्णो देवी यात्रा पर भी लगाई थी फटकार
इससे पहले एनजीटी ने 13 नवंबर को मां वैष्णो देवी के दर्शन को लेकर आदेश जारी करते हुए कहा था कि अब एक बार में 50 हजार से ज्यादा लोगों को ऊपर गुफा की ओर नहीं जाने दिया जाएगा. वैष्णो देवी दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं की भारी तादाद को देखते हुए एनजीटी ने यह कदम उठाया है.
एक दिन में 50 हजार लोग ही करें दर्शन
एनजीटी ने कहा है कि अगर दर्शन करने के लिए 50 हजार से ज्यादा लोग होते हैं तो उन्हें अर्द्धकुंवारी या फिर कटरा पर ही रोक दिया जाएगा. वैष्णो देवी मंदिर की संरचना 50 हजार लोगों की क्षमता लायक ही है. इससे अधिक लोगों को वहां जाने की अनुमति देना खतरनाक हो सकता है, जिसके चलते यह रोक लगाई गई है.