व्यापारियों व व्यावसायियों को अपने परिसरों में लगाये गये साइनबोर्ड पर जीएसटी पंजीकरण संख्या जीएसटीआईएन तथा अपने कारोबारी परिसर में पंजीकरण प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से प्रदर्शति करना होगा. इसी तरह कंपोजिशन योजना के तहत काम करने वाले डीलरों को भी अपने साइनबोर्ड में यह उल्लेख करना होगा कि वे कंपोजिट योजना का फायदा ले रहे हैं और लोगों से कर संग्रहण के लिये पात्र नहीं हैं.
कर अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि हर करदाता व्यक्ति को अपनी जीएसटीआईएन संख्या का उल्लेख नाम पट्टिका या कारोबार के साइन बोर्ड पर करना होगा. इसके साथ ही उसे अपने पंजीकरण प्रमाण पत्र को कारोबारी परिसर में लगाना होगा ताकि लोग यह जान सकें कि उसने पंजीकरण करवाया है या नहीं.
यह कानूनी आवश्यकता है. ताकि नागरिकों को यह पता चल सके कि जिस व्यक्ति से वह माल खरीद रहे हैं वह उनसे कर लेने का पात्र है अथवा नहीं. माल एवं सेवाकर करदाता पहचान संख्या जीएसटीआईएन 15-अंकों का नंबर है जो कि करदाताओं को जीएसटी नेटवर्क पोर्टल के साथ पंजीकरण के बाद मिलता है.
केन्द्र सरकार ने 1 जुलाई से पूरे देश में जीएसटी लागू करने का फैसला लिया है. सरकार के साथ-साथ कई वैश्विक स्तर पर कई आर्थिक जानकारों का दावा है कि इस कदम से भारत की क्रेडिट रेटिंग में सुधार देखने को मिलेगा वहीं विदेशी निवेशकों का भारत की ओर रुझान में भी इजाफा होगा.
गौरतलब है कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसिया दुनियाभर के देशों की आर्थिक और राजनीतिक स्थित के आधार पर उसे क्रेडिट रेटिंग देती हैं. वैश्विक निवेशक इस रेटिंग के आधार पर अपना निवेश किसी देश में करने के लिए तैयार होते हैं. 2017 के आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा समय में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और अच्छे निवेश ठिकानों की सूची में भारत की स्थिति यह चार्ट बयान करती है.