मुंबई। नोटबंदी के बाद जहां बाजार में खुल्ले को लेकर किल्लत हो गई वहीं एक व्यक्ति ऐसा भी था जिसके बाद इसकी भरमार थी। वो इन्हें लेकर एक बैंक से दूसरे तक दौड़ता रहा लेकिन किसी ने इन्हें जमा नहीं किया। आलम यह है कि यह दुकानदार अपने ग्राहकों को खुल्ले देने से इन्कार कर रहे हैं।
मामला मुंबई के नालासोपारा का है जहां एक व्यापारी अपने साथ 19 हजार रुपए के 10 के सिक्के लिए घूम रहा है लेकिन कोई भी बैंक इन्हें जमा करने के लिए तैयार नहीं है। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार 31 वर्षीय खालिक शेख टेलरिंग मटेरियक का व्यापार करते हैं।
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उनके पास बटन, लेस और दूसरी चीजें लेने आने वाले लोग खुल्ले पैसे देते हैं और इस तरह उनके पास 19 हजार रुपए के 10 के सिक्के जमा हो गए। 14.5 किलो वजनी इन सिक्कों को लेकर शेख कई राष्ट्रीयकृत बैंकों में गए लेकिन उन्हें उल्टे पैर लौटना पड़ा।
शेख के अनुसार मैं लगातार दो बैंकों में जा रहा हूं लेकिन वो इन्हें जमा करने से इन्कार कर रहे हैं। यह इन बैंकों की शाखाएं वसई में मौजूद हैं। मैं जो सामान बेचता हूं वो 2 रुपए से 20 रुपए के बीच होता है। नोटबंदी के पहले वो हर रोज सिक्कों के रूप में 300 रुपए रोज कमाते थे। नोटबंदी के बाद उनके पास आने वाले सिक्कों की संख्या बढ़कर 900 रुपए रोज हो गई।
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शेख बताते हैं कि जहां 1,2 और 5 के सिक्के ग्राहकों को खुल्ले के रूप में लौटा दिए जाते हैं वहीं 10 रुपए के सिक्के जमा करता रहा। धीरे-धीरे यह बढ़कर इतने हो गए कि अब जमा करवाना मुश्किल हो गया है।