नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2017-18 में व्यापार में सुगमता का माहौल विकसित करने के उद्देश्य से सरकार की नीति के तहत उपायों की घोषणा की है। श्री जेटली ने व्यावसायिक उद्यमियों की लेखा-परीक्षा के लिए प्रारंभिक सीमा एक करोड़ रु. से बढ़ाकर दो करोड़ रु. करने का प्रस्ताव दिया है।
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इसी तरह हिन्दू अविभाजित परिवारों के लिए बहियों के रख-रखाव की प्रारंभिक सीमा 10 लाख रु. टर्नओवर से बढ़ाकर 25 लाख अथवा आय को 1.2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख करना प्रस्तावित किया। श्री जेटली ने श्रेणी-I एवं श्रेणी–II के विदेशी पोर्टफोलियों निवेशक को अप्रत्यक्ष अंतरण उपबंध से छूट प्रदान करने का प्रस्ताव भी पेश किया।
श्री जेटली ने स्पष्ट किया है कि भारत में कर-प्रभार्य निवेश के शोधन या बिक्री के परिणाम स्वरूप या इससे उत्पसन्नय भारत से बाहर शेयरों के शोधन या ब्याज के मामले में अप्रत्यरक्ष अंतरण प्रावधान लागू नहीं होंगे।
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व्यक्तिगत बीमा एजेंटो को राहत देने के मकसद से श्री जेटली ने उन्हें टीडीएस की कटौती से छूट प्रदान करने का प्रस्ताव भी पेश किया। इसके साथ ही बीमा एजेंटों को स्वघोषणा भी करनी होगी कि उनकी आय कर योग्य सीमा से कम है। अब तक, व्यक्तिगत बीमा एजेंटों को देय कमीशन में 5 प्रतिशत टीडीएस की कटौती की जाती है।