नोटबंदी के बीच सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज पर लोग किस तरह आंख बंद कर यकीं कर रहे हैं, इसकी बानगी फतेहाबाद में देखने को मिली। ऐसा ही एक वाकया मंगलवार को लघु सचिवालय में सामने आया। कबीर बस्ती निवासी रवि अपनी शादी का कार्ड और एक शपथपत्र लेकर डीसी एनके सोलंकी से मदद की गुहार लगाने पहुंचा। दरअसल बुधवार को रवि की शादी है और बारात फतेहाबाद से सिरसा जानी है लेकिन घर में छोटे नोट खत्म हो चुके हैं। हालात इस कदर बदतर हो गए हैं कि शादी वाले घर में गाड़ी, ढोल और घोड़े वाले तक को देने के लिए पैसे नहीं बचे हैं।
ऐसे में सोशल मीडिया पर वायरल एक मैसेज को पढ़कर रवि खुद ही शादी का कार्ड और वायरल मैसेज में बताए गए दस्तावेज लेकर डीसी से मिलने पहुंचा लेकिन प्रशासन की ओर से भी उसे बैरंग लौटा दिया गया। डीसी सोलंकी का कहना था कि उनके पास ऐसा कोई पत्र या आदेश सरकार की ओर से नहीं आया, जिसमें ये कहा गया हो कि डीसी से सत्यापित करने के बाद बैंक से एकमुश्त राशि निकलवाई जा सकती है।
रिश्तेदारों से मांगकर बाकी खर्चे निकाले
रवि ने बताया कि नोट बंदी के बाद दो दिन तक वो बैंक में कतार में लगा रहा लेकिन 4 हजार से अधिक की राशि निकल ही नहीं रही थी। इसके बाद उसने रिश्तेदारों और दोस्तों से भी मदद ले ली लेकिन इसके बाद भी खर्चों की राशि पूरी नहीं हो पाई है। उसके पास पांच सौ और हजार के नोट पड़े हैं लेकिन कोई भी दुकानदार और सेवा प्रदान करने वाला इन्हें स्वीकार ही नहीं कर रहा।
रवि ने बताया कि नोट बंदी के बाद दो दिन तक वो बैंक में कतार में लगा रहा लेकिन 4 हजार से अधिक की राशि निकल ही नहीं रही थी। इसके बाद उसने रिश्तेदारों और दोस्तों से भी मदद ले ली लेकिन इसके बाद भी खर्चों की राशि पूरी नहीं हो पाई है। उसके पास पांच सौ और हजार के नोट पड़े हैं लेकिन कोई भी दुकानदार और सेवा प्रदान करने वाला इन्हें स्वीकार ही नहीं कर रहा।
शादी में कैश के लिए लाइन में लगे परिवार के नौ लोग
वही दूसरी ओर गनीमत रही कि एटीएम कुछ ज्यादा संख्या में चले, अन्यथा हालात और ज्यादा विकराल हो सकते थे। इसके बावजूद आधे एटीएम बंद रहे। दिनभर लोगों में कैश जमा करवाने तथा निकलवाने के लिए धक्कामुक्की चलती रही। बार-बार हो-हल्ला होता रहा। अलग से लाइन न बनाने की वजह से महिलाओं, बुजुर्ग और दिव्यांगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी।
वही दूसरी ओर गनीमत रही कि एटीएम कुछ ज्यादा संख्या में चले, अन्यथा हालात और ज्यादा विकराल हो सकते थे। इसके बावजूद आधे एटीएम बंद रहे। दिनभर लोगों में कैश जमा करवाने तथा निकलवाने के लिए धक्कामुक्की चलती रही। बार-बार हो-हल्ला होता रहा। अलग से लाइन न बनाने की वजह से महिलाओं, बुजुर्ग और दिव्यांगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी।
कतार में खड़े कई ऐसे लोग मिले, जिन्हें कैश के लिए चार-चार पांच-पांच घंटे इंतजार करना पड़ा। बहल में शादी के लिए कैश जुटाने के लिए एक परिवार के नौ बंदों को लाइन में खड़ा होना पड़ा। इनमें पांच महिलाएं शामिल थीं। मंगलवार सुबह बैंक खुलने के समय से घंटे-दो घंटे पहले ही लोग कतार में दिखाई दिए। एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, यूको बैंक आदि के बाहर सबसे ज्यादा मारामारी रही।
स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के बाहर लोगों की भीड़ इतनी ज्यादा हो गई, जिससे यातायात प्रभावित होने लगा। बाद में लोगों की कतार बगल के रास्ते में लगवानी पड़ी। विजया बैंक में दोपहर बाद कैश खत्म होने की आशंका हुई तो लोगों को ढाई हजार के बजाय दो हजार रुपये वितरित किए गए। एटीएम निसंदेह आज ज्यादा संख्या में चलते मिले। लेकिन, पैसा चाहने वालों की संख्या ज्यादा होने की वजह से दिनभर लंबी-लंबी कतार लगी रहीं।