बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उन्हें राजनीति का ‘शाह’ क्यों कहा जाता है। गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक 6 महीने पहले अमित शाह कांग्रेस के तीन बड़े नेताओं और कम से कम 8 विधायकों के सीधे संपर्क में हैं। कहा जा सकता है कि बीजेपी गुजरात कांग्रेस में दरार पैदा करने के काफी करीब पहुंच चुकी है। इसी कड़ी में आज कांग्रेस से नाराज चल रहे कांग्रेस के बड़े नेता शंकर सिंह वाघेला अपने बर्थडे पर पार्टी को अलविदा कह सकते हैं। वाघेला ने शुक्रवार सुबह बताया कि वह दो बजे बड़ा ऐलान करेंगे।
राष्ट्रपति चुनाव में गुजरात में हुई क्रॉस वोटिंग के पीछे भी अमित शाह की ही रणनीति मानी जा रही है। देश के अन्य राज्यों के मुकाबले गुजरात में सबसे ज्यादा क्रॉस वोटिंग हुई। बीजेपी के प्रेजिडेंट कैंडिडेट रामनाथ कोविंद को अनुमान से 11 वोट अधिक मिले।
कई मामलों में घिरे वाघेला का यूं फायदा उठा रही बीजेपी
वाघेला के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, करप्शन और आय से अधिक संपत्ति के मामलों में जांच चल रही है। एक नेता ने दावा किया कि इन मामलों का बीजेपी बेहद चालाकी से इस्तेमाल करते हुए उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है। इस नेता ने बताया कि अमित शाह ने इस बाबत पूरी स्क्रिप्ट तैयार कर ली है। इस स्क्रिप्ट का पहला हिस्सा यह है कि वाघेला कांग्रेस के राज्य प्रमुख भरत सिंह सोलंकी को हटाए जाने की मांग करें। प्लान का पार्ट बी यह है कि वाघेला बीजेपी से जुड़े बिना ही कांग्रेस से आधिकारिक तौर पर अपने संबंध समाप्त कर लें।
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इसके चलते कांग्रेस नेता अहमद पटेल को राज्यसभा चुनाव में हराने में मदद मिल सकती है। पटेल की हार कांग्रेस के लिए करारा झटका होगी और बीजेपी को इससे भारी बढ़त मिलेगी। ‘पार्ट सी’ के तहत अहमद पटेल के खिलाफ कैंपेन चलाया जाए। ‘पार्ट डी’ के तहत शंकर सिंह वाघेला कुछ संगठनों से गठजोड़ करके और एक दर्जन विधायकों को बीजेपी जॉइन कराकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकते हैं।वाघेला ने BJP से किया था 18 विधायकों की क्रॉस वोटिंग का वादा
सूत्रों का कहना है कि वाघेला ने बीजेपी लीडरशिंप को रामनाथ कोविंद के सपॉर्ट में 18 कांग्रेस विधायकों से क्रॉस वोटिंग कराने का दावा किया था। लेकिन, वह 8 से 11 विधायकों से ही क्रॉस वोटिंग करा पाए। यह कांग्रेस के लिए करारा झटका है, लेकिन ताकत दिखाने की कोशिशों में जुटे वाघेला भी इस बात से हैरान हैं कि उनकी बात को कई विधायकों ने महत्व नहीं दिया।