शनिदेव को क्रोधित होने में बिल्कुल भी समय नहीं लगता है। क्रोध की वजह से इनके पिता सूर्य से इनकी हमेशा अनबन रहती है। हालांकि शनि को ग्रहों के राजा का दर्जा प्राप्त है। ये भगवान शिव के अनन्य भक्त हैं। भोलेनाथ इनको न्याय का देवता कहते हैं। शनिदेव को बहुत जल्दी क्रोध आता है। इनके क्रोध का शिकार होने वाले व्यक्ति की जिंदगी नर्क के समान हो जाती है और उस पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है, इसलिए इनके क्रोध से बचने और खुश रखने के लिए व्यक्ति अनेक उपाय करता है।
शनिदेव के प्रकोप से बचने के उपाय
शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए शनिवार के दिन कटोरी में सरसों का तेल रखकर अपना चेहरा देखें और उस तेल को किसी गरीब को दान कर दें। इससे शनिदेव का क्रोध धीरे-धीरे शांत हो जाता है।
शनि के प्रकोप से बचने के लिए अगर काले रंग के हाथियों को भोजन करवाएं और उनकी सेवा करने से शनिदेव अत्यधिक खुश होते हैं।
शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए शनिवार के दिन अपने घर के आसपास टहल रहे काले कुत्ते को रोटी में सरसों का तेल लगाकर खिलाना चाहिए। इससे शनि की नाराजगी कम होती है।
शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए बंजरगबली की पूजा अर्चना कर सकते हैं। लंका में रावण के पास बंदी बने शनिदेव को भगवान हनुमान ने मुक्त कराया था। इसी वजह से शनिवार को हनुमान पूजा से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए घर की छत पर आने वाले कौवों को शनिवार के दिन काले जामुन खिलाने से शनि का गुस्सा जल्द शांत होता है।
शनिदेव को काली चीजें बहुत ज्यादा पंसद है, इसीलिए इस दिन लोहा और काले तिल खरीदना शनिदेव का अपमान माना जाता है।हमें ऐसी कार्यों से बचना चाहिए। शनि के खुश होने पर व्यक्ति के जीवन में सुख और वैभव की प्राप्ति होती है।