आप सभी जानते ही होंगे हमारे मानव जीवन पर नौ ग्रहों का अपनी-अपनी तरह से प्रभाव पड़ता है। इसी के साथ यह भविष्य एवं वर्तमान को प्रभावित करता है। कहा जाता है एक ऐसा ग्रह जिसके न्याय सभी को अत्याधिक प्रभावित करते हैं वह है शनि ग्रह। कहा जाता है शनि ग्रह की कुदृष्टि इंसानी जीवन को और भी जटिल बना देती है। जी हाँ और इसी कारण मानव शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से भयभीत रहता है हालाँकि शनिदेव को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त करने के उपाय भी ज्योतिष विज्ञान में वर्णित हैं। इसी में शामिल है एक विशेष उपाय है जो शनिदेव के प्रतीक घोड़े की नाल से जुड़ा है। कहा जाता है घोड़े की नाल लगाने से शनिदेव के नकारात्मक प्रभाव से राहत मिलती है।

जी हाँ और प्राचीन ज्योतिष विज्ञान में स्पष्ट रूप से इस बारे में वर्णन किया गया है। कहा जाता है काले घोड़े की असली नाल जो कि स्वयं ही घिंसकर उतर गयी हो, ऐसी काले घोड़े की नाल ही पूर्ण रूप से सक्रिय होती है। जी हाँ और यह शनि के नकारात्मक प्रभाव को शांत करके आपके बिगड़े हुए कामों को बनाने में सक्षम होती है। कहा जाता है ऐसी नाल जो कि काले घोड़े के आगे वाले दोनों पांव में से राइट साइड की हो तो सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है, जिसका प्रभाव सबसे ज्यादा रहता है। कहा जाता है जो भी व्यक्ति शनि से जुड़े कारोबार में हैं और किसी न किसी रूप में शनि के नकारात्मक प्रभाव से प्रभावित हैं तो उन्हें इस तरह की नाल को अपने घर पर अवश्य लगाना चाहिए।
इसके अलावा काले घोड़े के अलग-अलग पांव के नाल का प्रभाव भी हर व्यक्ति पर उसके ग्रहों की दशा एवं दिशा के अनुसार अलग-अलग ही होता है। जी दरअसल जिन घरों का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा का हो या दक्षिण दिशा से मार्ग खुला हुआ हो उन्हें भी इस दुर्लभ नाल का प्रयोग करना चाहिए, नहीं तो ऐसे घरों में वायु एवं हड्डियों से होने वाले रोग उन घरों में रह रही स्त्रियों को होने की संभावना अधिक रहती है। आपको यह भी बता दें कि काले घोड़े की नाल घर पर स्थापित करने का भी एक विज्ञान होता है। जी दरअसल साधारणतः इसे लकड़ी के टुकड़े पर सिंदूरी रंग करके उस पर इंग्लिश के ए अक्षर के आकार में लगानी चाहिए एवं उसमें 8 लोहे की कीलों द्वारा स्थापित किया जाना चाहिए। इसको ज्येष्ठ शनिवार के दिन संध्याकाल के समय पर ही स्थापित करना चाहिए।
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