18 अप्रैल अक्षय तृतीय से शनि धनु राशि में रहते हुए अपनी वक्रगति से चलना प्रांरभ कर देंगे। वहीं 18 अप्रैल को ही परशुराम जयंती भी है। शनि का यह वक्री काल 6 सितम्बर तक रहेगा।
ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी के अनुसार शनि का वक्री काल 18 अप्रैल को सुबह 7.17 मिनट से प्रांरभ हो जाएगा। गुरु और शनि के वक्रगति होने से एवं शनि मंगल का शुक्र के साथ षड़ाष्टक योग से अपराधों में वृद्वि और दुर्घटनाओं में इजाफा होगा। साथ ही महंगाई भी बढ़ने की भी संभावना है।
इन राशियों पर रहेगा ये प्रभाव
– मेष : न्याय क्षेत्र में लाभ
– वृषभ : कष्टों से सामना
– मिथुन : व्यापार से लाभ
– कर्क : शत्रु होंगे परास्त
– सिंह : संतान से कष्ट
– कन्या : पारिवारिक कलेश
– तुला : स्थान परिवर्तन
– वृश्चिक : नया समाचार मिलेगा।
– धनु : चोट का भय रहेगा।
– मकर : धन की हानि
– कुंभ : धन लाभ
– मीन : उच्च पद की प्राप्ति
यह करें उपाय
शनि देव को प्रसन्न और शांत रखने के लिए दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करें। हनुमान जी को चोला चढ़ाएं।
सरसों के तेल का दान करें।
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