लोगों के जीवन में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन लोग अपनी छतों पर खीर बनाकर रखते हैं। माना जाता है कि इस दिन छत पर रखी इस खीर को खाने से कई रोगों से निजात मिल जाती है।
विज्ञान के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा हमारी धरती के बेहत करीब होता है। रात 9 से 12 बजे के बीच चंद्रमा की किरणें छत पर रखी खीर के संपर्क में आती हैं। इस रोशनी में मौजूद विशेष पोषक तत्व खीर में मिल जाते हैं जो हमें बीमार होने से बचाते हैं। इस खीर को खाने से शरीर को विशेष ऊर्जा मिलती है।चावलों को अच्छे से धोकर पानी में ½ घंटे के लिए भिगो कर रख दीजिए। इसके बाद चावलों को दरदरा पीसकर दूध को उबालने के लिए अलग रख दीजिए। दूध में उबाल आने पर भीगे पिसे चावल उसमें डालकर अच्छी तरह चलाएं। ऐसा करते समय गैस की आंच को धीमी रखें।
काजू, बादाम के साथ बाकी मेवों को भी बारीक टुकड़ों में काट कर अलग रख लीजिए। जब दूध और चावल मिल कर एक हो जाए तब कटे हुए मेवे खीर में डाल दें। जब खीर गाढ़ी हो जाए तो गैस बंद कर दें। अब खीर में चीनी और इलाइची मिलाकर उसे 2-3 मिनट के लिए ढंककर रख दीजिए।
थोड़ी देर बाद खीर जब ठंडी हो जाए तो उसमें रबड़ी डाल कर मिला दीजिए। खीर बनकर तैयार है। अब इसे बारीक कटे हुए काजू बादाम से सजाकर सर्व कीजिए। इसे फ्रिज में रखकर तीन दिनों तक खाया जा सकता है।
चावलों को अच्छे से धोकर पानी में ½ घंटे के लिए भिगो कर रख दीजिए। इसके बाद चावलों को दरदरा पीसकर दूध को उबालने के लिए अलग रख दीजिए। दूध में उबाल आने पर भीगे पिसे चावल उसमें डालकर अच्छी तरह चलाएं। ऐसा करते समय गैस की आंच को धीमी रखें।
काजू, बादाम के साथ बाकी मेवों को भी बारीक टुकड़ों में काट कर अलग रख लीजिए। जब दूध और चावल मिल कर एक हो जाए तब कटे हुए मेवे खीर में डाल दें। जब खीर गाढ़ी हो जाए तो गैस बंद कर दें। अब खीर में चीनी और इलाइची मिलाकर उसे 2-3 मिनट के लिए ढंककर रख दीजिए।
थोड़ी देर बाद खीर जब ठंडी हो जाए तो उसमें रबड़ी डाल कर मिला दीजिए। खीर बनकर तैयार है। अब इसे बारीक कटे हुए काजू बादाम से सजाकर सर्व कीजिए। इसे फ्रिज में रखकर तीन दिनों तक खाया जा सकता है।
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