बिहार में शराबबंदी लागू करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर अब देश पर है. नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी को कामयाब बताया है. साथ ही इसे सांप्रदायिक और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक बताया. इसलिए उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से पूरे देश में शराबबंदी लागू करने की मुहिम को आंदोलन के रूप में चलाने का आह्वान किया. राहुल की ताजपोशी पर आज लगेगी मुहर, 16 दिसंबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में संभालेंगे कार्यभार
राहुल की ताजपोशी पर आज लगेगी मुहर, 16 दिसंबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में संभालेंगे कार्यभार
नीतीश कुमार ने राजधानी दिल्ली में रविवार को जनता दल यूनाइटेड की प्रदेश इकाई के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने पार्टी के दिल्ली में विस्तार के लिए शराबबंदी के अलावा अनधिकृत कालोनियों के नियमितीकरण जैसी वे समस्याएं उठाने को कहा जो सामाजिक बदलाव का प्रतीक बनें.
नीतीश ने दिया धर्म का हवाला
नीतीश कुमार ने सभी धर्मों में शराब की मनाही का हवाला देते हुए कहा, ‘शराबबंदी का विरोध करने वाले कांग्रेस और दूसरे दलों के नेता बताएं कि अगर बिहार और गुजरात में इस सामाजिक बुराई को खत्म करने का फैसला सफलतापूर्वक लागू किया जा सकता है तो पूरे देश में शराबबंदी क्यों नहीं.’
अपराध की बड़ी वजह शराब
नीतीश कुमार ने संयुक्त राष्ट्र सहित दूसरी अध्ययन रिपोर्टों के हवाले से कहा कि दिल्ली सहित देश में अपराधों का ग्राफ बढ़ने में शराब सबसे बड़ी वजह है. उन्होंने कहा, ‘बिहार में शराबबंदी से अपराध कम होने से सामाजिक और सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ा है.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि सांप्रदायिकता की राजनीति पर बढ़चढ़ कर भाषण देने वाले कांग्रेस और अन्य दलों के नेता शराबबंदी पर चुप क्यों हो जाते हैं.
शराबबंदी का विरोध करने वालों को नीतीश कुमार ने निशाने पर लेते हुए कहा कि शराब का कारोबार और इसका सेवन मौलिक अधिकार के दायरे में नहीं आता है. ऐसे में इसे बंद करने के लिए अभियान की जरूरत है.
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