योग, व्यायाम और प्राणायाम से हमारा शरीर न सिर्फ शुद्ध होता है, बल्कि स्वस्थ भी रहता है। शुद्धता से मतलब शरीर में पनपने वाले अनेक तरह के टॉक्सिक पदार्थों से है, जिसे ये हमारे शरीर से बाहर निकालता है। इन्हीं चीजों की अधिकता से जब हम बीमार पड़ने लगते हैं, तो दवाओं की तरफ भागते हैं, जिनके अनेक तरह के साइड इफेक्ट्स हैं, क्योंकि इससे हमारी समस्याओं का समाधान तो होता है, पर उसके साइड इफेक्ट्स को हमें ही भुगतने पड़ते हैं।
ऐसे में अनुलोम विलोम का रेगुलर अभ्यास करने से हम प्राकृतिक तरीके से खुद को शुद्ध कर पाते हैं। आप इससे खुद को नेचुरली तरीके से स्वस्थ रख सकते हैं। इससे न सिर्फ लंग्स से जुड़ी समस्याएं दूर होती है, बल्कि यह हमारे हार्ट को भी सुरक्षित रखने में मदद करता है। आइए जानते हैं अनुलोम विलोम करने का तरीका और इससे होने वाले फायदों के बारे में-
कैसे करें अनुलोम और विलोम
अनुलोम और विलोम करने के लिए एकदम सीधा होकर बैठ जाएं, कोशिश करें कि आप इसे खुली जगह पर करें, हो सके तो सुबह की धूप में। इसके बाद अपने पैरों पर दोनों हाथों को आराम से रखे फिर अपने बाएं हाथ से ज्ञान मुद्रा बनाएं और दाहिने हाथ के अंगूठे से दाहिने नाक को बंद कीजिए और अपनी बाईं नाक से सांस लीजिए और कुछ देर तक भरकर रखिए।
फिर दाहिने हाथ को हटाते हुए दाहिने नाक से भरे हुए सांस को छोड़िए। अब दाहिने हाथ से ही बाईं नाक को बंद कीजिए और अब दाहिनी नाक से सांस लीजिए और कुछ देर तक भरकर बाईं नाक से छोड़िए। इसी क्रिया को दोहराते रहें कम से कम दस बार।
अनुलोम विलोम के फायदे
फेफड़ों को मजबूत बनाए
अनुलोम और विलोम सांस संबंधी सारी परेशानियों को जड़ से खत्म करने में मदद करता है।
वेट लॉस में मददगार
ये हमारे मेटाबोलिज्म को मेंटेन कर हमारे वेट लॉस में मदद करता है।
कफ- पित्त- वायु
हमारा शरीर इन तीन दोषों का घर होता है, जिससे हमें तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अनुलोम और विलोम सबसे अच्छी दवा के रूप में हमारे शरीर पर अपनी प्रतिक्रिया देता है।
पाचन तंत्र को मजबूत करे
ये हमारे पाचन शक्ति को संतुलित कर हमें अनेक तरह की होने वाली पाचन संबंधी समस्याओं से छूटकारा दिलाता है।
स्ट्रेस को कम करने में सहायक
अनुलोम और विलोम से हमें बहुत जल्दी मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। इससे हम मानसिक शांति का अनुभव करते हैं।