न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने ये आदेश कुमार पांडेय और अन्य अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया।
अधिवक्ता सीमांत सिंह के मुताबिक उच्च प्राथमिक स्कूलों में गणित-विज्ञान के 29334 सहायक अध्यापक भर्ती का शासनादेश 11 जुलाई 2013 को जारी हुआ था। नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ी और काउंसिलिंग के बाद भी हजारों पद रिक्त रह गए।
सरकार ने 30 दिसंबर 2016 को आदेश जारी कर बचे पदों पर काउंसिलिंग कर नियुक्ति देने का आदेश जारी किया। इस बीच प्रदेश में सरकार बदल गई और योगी सरकार ने 23 मार्च 2017 को नियुक्तियों पर रोक लगा दी।
इसी प्रकार से प्राथमिक विद्यालयों में 16448 सहायक अध्यापक भर्ती में भी रिक्त रह गए पदों पर भर्तियां होनी थी, जिस पर 23 मार्च 2017 के आदेश से रोक लगा दी गई।
अधिवक्ता की दलील थी कि दोनों भर्तियों को रोकने की कोई वजह नहीं बताई गई। इन भर्तियों में किसी प्रकार की धांधली या अनियमितता का भी आरोप नहीं है। कोर्ट ने 23 मार्च का आदेश रद्द करते हुए कहा कि सरकार ने भर्तियां रोकने का कोई कारण नहीं बताया है।
आपको बता दें कोर्ट ने सरकार को दो माह में दोनों भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है।