राज्य सरकार ने शिक्षाकर्मियों को बड़ी राहत देते हुए शिक्षा विभाग में संविलियन कर दिया. शिक्षाकर्मी लम्बे समय से इसकी मांग करते आये हैं. कैबिनेट ने सोमवार को इस निर्णय को मंजूरी दे दी. संविलियन को लेकर पंचायत मंत्री ने बैठक के बाद कहा कि पहले 8 साल की सेवा पूरी कर चुके शिक्षाकर्मियों का संविलियन होगा. बताया जाता है कि प्रदेश में 8 साल की सेवा पूरी कर चुके शिक्षाकर्मियों की संख्या लगभग 1 लाख तीन हजार है. अब इन शिक्षाकर्मियों को 1 जुलाई से स्कूल शिक्षा विभाग में शामिल कर लिया जाएगा. बाकि के शिक्षाकर्मियों का संविलियन चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा. पंचायत मंत्री ने बताया कि राज्य में शिक्षक और शिक्षाकर्मियों के तीन कैडर होंगे.
गौरतलब है कि शिक्षाकर्मियों के संविलियन को लेकर राज्य सरकार ने मुख्यसचिव की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी बनाई थी. इस कमेटी ने लगभग चार महीनों तक अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट पेश की हैं. कमेटी ने मध्यप्रदेश और राजस्थान जा कर शिक्षाकर्मियों के संविलियन का अध्ययन किया है. इन राज्यों का अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौपी.
हाला कि शिक्षाकर्मियों के संविलियन के कोशिश पहले से ही की जा रही थी. शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 12 जून को अंबिकापुर में की थी. उस समय मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूद थे.
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