सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजन रद्द होने के बाद से शिक्षामित्रों का आंदोलन जारी है। रविवार को एक प्रतिनिधिमंडल रामपुर में राज्यपाल राम नाईक से मिला और ज्ञापन सौंपा। उन्होंने शिक्षामित्रों को कानून बनाकर सहायक अध्यापक बनाने की मांग की है।अब नहीं बच पाएंगे भ्रष्ट अफसर, होगा अब ‘मोदी वार’, डोजियर तैयार करेगा विजिलेंस डिपार्टमेंट
राज्यपाल ने भी शिक्षामित्रों को इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री से बात करने का आश्वासन दिया है। साथ ही शिक्षामित्रों से किसी भी तरह की हिंसा न करने की अपील की।
पांच दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द करने का फैसला सुनाया था। इसके बाद से प्रदेशभर में शिक्षामित्र आंदोलनरत हैं। रविवार सुबह से ही शिक्षामित्रों का डायट पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया।
यहां शिक्षामित्रों ने धरना दिया। केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं, आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सैय्यद जावेद मियां के नेतृत्व में पांच शिक्षामित्रों का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस लाइन में राज्यपाल राम नाईक से मिला।
1.72 लाख शिक्षामित्रों के भविष्य पर संकट
लेकिन प्रदेश सरकार ने पांच दिन बाद भी शिक्षामित्रों की समस्या का समाधान नहीं खोजा। ऐसे में शिक्षामित्रों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं।
राज्यपाल ने शिक्षामित्रों की पूरी बात सुनने के बाद इस मामले में मुख्यमंत्री से बात करने का आश्वासन दिया है। साथ ही शिक्षामित्रों से किसी भी तरह की हिंसा न करने की अपील की। इस मौके पर हरीश कुमार, कविता सोढ़ी, गुरप्रीत सिंह, राजपाल सिंह मौर्य आदि मौजूद रहे।
प्रांतीय प्रवक्ता ने कहा कि शिक्षामित्रो के मामले में सरकार चुप्पी तोड़े। वरना आंदोलन और उग्र किया जाएगा। प्रदर्शन के चलते अफरा-तफरी की स्थिति रही। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
जिले के प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षामित्रों के मामले में बीते दिनों सुप्रीमकोर्ट ने विपरीत फैसला देते हुए उनका समायोजन रद्द कर दिया था। इससे प्रदेश के साथ जिले के शिक्षामित्र भी आहत हैं। निरंतर प्रदर्शन चल रहा है। रविवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के बैनर तले जिले के शिक्षामित्र कलेक्ट्रेट के धरना स्थल पर एकत्रित हुए।
प्रांतीय प्रवक्ता ने कहा कि शिक्षामित्रों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। शिक्षक संगठनों को धमकी दी जा रही है।
शिक्षामित्रों के आंदोलन को शिक्षक व कर्मचारी संघों का समर्थन
प्रशासन की मान मानौव्वल के शिक्षामित्र रास्ते से हटे। इसके बाद शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा।
सहायक अध्यापक पद से समायोजन निरस्त होने के बाद जिले के 3269 शिक्षामित्र अपनी नौकरी की बहाली की मांग को लेकर सड़क पर हैं और जिला पंचायत के सामने अनवरत धरना प्रदर्शन कर अपनी बात सरकार तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।
आंदोलन के पांचवे दिन रविवार को बड़ी संख्या में शिक्षामित्र जिला पंचायत सभागार के सामने चल रहे धरनास्थल पर पहुंचे और अपने साथियों के साथ बैठकर रणनीति तैयार की। दोपहर बाद करीब एक बजे धरना दे रहे शिक्षामित्र सड़क पर उतर आए और प्रदर्शन करना शुरु कर दिया। इसके बाद शिक्षामित्रों का हुजूम कलेक्ट्रेट से अंबेडकर चौराहे की तरफ चल पड़ा।
जनप्रतिनिधियों के घरों का घेराव करेंगे शिक्षामित्र
जिला पंचायत के सामने धरना दे रहे शिक्षामित्र जिले के सांसदों व विधायकों के रुख को लेकर भी बहुत आहत हैं। समायोजन रद्द होने के फैसले के बाद अब तक जिले का कोई भी नेता इनको तसल्ली देने भी नही पहुंचा है। रविवार को धरने में शिक्षामित्रों का यह दर्द भी छलका।
धरने को संबंधित करते हुए शिक्षामित्र चंद्र प्रकाश ने जिले के सांसदों व विधायकों पर शिक्षामित्रों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिले का कोई भी विधायक या सांसद अब तक शिक्षामित्रों को सांत्वना देने भी नहीं आया है। उन्होने कहा कि जल्द ही शिक्षामित्र सांसद व विधायकों के घरों का घेराव करेंगे।
प्रांतीय उपाध्यक्ष लक्ष्मी प्रताप सिंह ने कहा कि दो दिन में सरकार कोई निर्णय नहीं लेती है तो सभी लोग विधानसभा का घेराव करने को मजबूर हो जाएंगे। जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई ठप चल रही है। बावजूद सरकार इस दिशा में कोई निर्णय नहीं ले रही है।
हक मांगने पर दबाने की कोशिश की जा रही है, जिस पर चुप नहीं बैठा जाएगा। महामंत्री पुष्पेंद्र त्रिवेदी ने कहा कि सरकार शांतिपूर्वक धरने को हमारी कमजोरी न समझें। जरूरत पड़ी तो हम लोगों का धरना लखनऊ तक जाएगा।
रविवार को पांचवें दिन शिक्षामित्रों ने तिकोनिया पार्क में धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करते हुए उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष बृजेश पांडेय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से शिक्षामित्र काफी आहत हैं। हमें अपनी मांगों को लेकर संघर्ष करना होगा। सरकार को नियमावली में संशोधन करना चाहिए। जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी शिक्षामित्र अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
प्रदर्शन के दौरान शिक्षामित्रों ने पैदल मार्च निकाला। इसके बाद संगठन के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार को दिया। प्रदर्शन करने वालों में पवन कुमार, प्रमोद कुमार दुबे, राम प्रसाद मिश्र, संपूर्णानंद पांडेय, शैलेंद्र सिंह, मनोज वर्मा, रामअवतार वर्मा आदि शिक्षामित्र शामिल रहे।
अंबेडकरनगर में समायोजन रद होने से आंदोलित शिक्षामित्र अवकाश के बावजूद रविवार को कलेक्ट्रेट के निकट अनिश्चित कालीन धरने पर डटे रहे। उन्होंने अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन किया। कहा गया कि उनकी मांग के संबंध में शीघ्र ही प्रदेश सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो बड़ा आंदोलन करेंगे।
शिक्षामित्र संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में चल रहे धरने के दौरान प्राथमिक शिक्षामित्र संघ जिलाध्यक्ष केके द्विवेदी ने कहा कि समायोजन रद होने से शिक्षामित्रों के समक्ष कई समस्याएं खड़ी हो गई हैं। अधिक उम्र वाले शिक्षामित्रों का भविष्य अंधकारमय दिख रहा है।
उनका परिवार सदमे में हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार को उनके हित को देखते हुए आवश्यक कदम उठाना चाहिए। शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन जिलाध्यक्ष अनिल विश्वकर्मा ने कहा कि 14 वर्ष से स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षामित्रों को एक झटके में सड़क पर ला दिया गया। इसके विरुद्ध बड़ा संघर्ष छेड़ा जाएगा।