पढ़ाई के साथ-साथ वोकेशनल और फिजिकल एजुकेशन की क्लासेस भी काफी अहम होती हैं। फिजिकल एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र शिक्षा विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है। विभाग ने फैसला लिया है कि फिजिकल एजुकेशन की क्लास कम से कम 1 घंटे की होनी चाहिए।खुशखबरी: 10वीं पास के लिए ‘पुलिस’ में नौकरी, 45 हजार सैलरी
हिंदूस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के स्कूलों में एक्सट्रा करिकुलर सब्जेक्ट जैसे फिजिकल एजुकेशन और आर्ट्स (ड्रॉइंग) की क्लास का समय 1 घंटे कर दिया जाएगा ताकि हर छात्र अपनी क्रिएटिविटी को ज्यादा से ज्यादा निखार सके।
पीरियड की संख्या कम हो जाएगी
एक्सट्रा करिकुलर विषयों का समय बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र के शिक्षकों ने एजुकेशन मिनिस्टर विनोद तावड़े से मुलाकात की। शिक्षकों का मानना है कि कई स्कूलों में फिजिकल एजुकेशन और आर्ट्स के पीरियड के समय बच्चों को दूसरे सब्जेक्ट पढ़ा दिए जाते हैं जो कि गलत है।
उन्होंने कहा कि आने वाले शिक्षण सत्र से ही पहली कक्षा से 10वीं कक्षा तक पीरियड्स के शेड्यूल में बदलाव किए जाएंगे। इसमें पीरियड की संख्या कम हो जाएगी लेकिन पीरियड का समय 10 मिनट तक बढ़ा दिया जाएगा।