वीरवार को शिरोमणि अकाली दल और भाजपा ने पंजाब की कांग्रेस सरकार के खिलाफ कई मुद्दों को लेकर धरना दिया। तीन महीने के बिजली बिल माफी, बीज घोटाले, शराब और राशन घोटाले समेत कई मामलों को लेकर डीसी ऑफिस के सामने धरने पर बैठे अकाली-भाजपा नेताओं ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में भी कांग्रेसी नेताओं ने घोटालों से तौबा नहीं की है।
धरना देने से पहले अकाली-भाजपा नेताओं ने भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि भी दी। राजनीतिक दलों की ओर से धरना देने के लिए बड़ा टेंट लगाया गया था। इसके बावजूद फोटो खिंचाने के चक्कर में किसी ने शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं किया। सारे नेता और वर्कर्स एक था बैठे रहे और हाथ में बैनर, तख्तियां लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
धरना प्रदर्शन में विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला, पूर्व विधायक और अकाली दल प्रवक्ता पवन टीनू, पूर्व विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता मनोरंजन कालिया, पूर्व सीपीएस केडी भंडारी, अकाली नेता सरबजीत मक्कड़, पूर्व मेयर सुनील ज्योति, जिला भाजपा प्रधान सुशील शर्मा, जिला अकाली दल प्रधान कुलवंत सिंह मन्नन, अमरजीत अमरी, मोहिंदर भगत, अनिल सच्चर व अन्य मौजूद रहे।
भाजपा नेताओं ने दो दिन पहले मेयर राजा को घेरा था
विपक्षी दलों ने शहर में भी मेयर जगदीश राजा और कांग्रेस विधायको को घेरना शुरू कर दिया है। दो दिन पहले ही जिला भाजपा अध्यक्ष सुशील शर्मा, पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोरंजन कालिया, पूर्व सीपीएस केडी भंडारी व अन्य नेताओं ने मेयर जगदीश राजा पर विकास करवा पाने में पूरी तरह नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए उनसे इस्तीफा मांगा था। भाजपा नेताओं ने शहर के कांग्रेस विधायकों पर भी आरोप लगाया था कि वे शहर में विकास कार्य करवाने में विफल रहे हैं। पूर्व मेयर और भाजपा ने सुनील ज्योति ने भी मेयर राजा और विधायकों पर स्मार्ट सिटी के तहत 4000 करोड़ रुपये के विकास कार्य न करवा पाने का आरोप लगाते हुए उन्हें कठघरे में खड़ा किया था।
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