घोसी उपचुनाव में मिली जीत से सपा खेमें में खुशी की लहर है। अब कयास लगाए जाने लगे हैं कि शिवपाल सिंह की वापसी के बाद से सपा जमीनी स्तर पर मजबूत हो रही है। पहले सपा ने जहां मैनपुरी का लोकसभा उपचुनाव जीता वहीं अब घोसी उपचुनाव को जीतकर कार्तिमान बनाया। घोसी में सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने भाजपा प्रत्याशी दारा सिंह चौहान को 42,759 वोटों के बड़े मार्जिन से हराया।
इस पूरे उपचुनाव के दौरान सपा महासचिव शिवपाल सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शिवपाल सिंह ने कई दिनों तक घोसी में रहकर गांव-गांव में नुक्कड़ सभाएं आयोजित कीं। गांव-गांव जाकर लोगों से सपा के पक्ष में वोट करने की अपील की। साथ ही चुनावी रणनीति तैयार की। जिसका सीधा फायदा सपा प्रत्याशी को मिला।
जहां बीजेपी खेमे से सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पूरे चुनाव के दौरान अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहे वहीं, शिवपाल सिंह क्षेत्र में मेहनत करते हुए दिखे। शिवपाल सिंह ने सपा कार्यकर्ताओं को एकजुट किया। इसके अलावा चाचा शिवपाल सिंह ने दारा सिंह के प्रति आमजन की नाराजगी को भांपा और उनकी छवि दलबदलू के रूप में प्रस्तुत की। जिसका फायदा भी मिला।
सियास गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि घोसी उपचुनाव की जीत के बाद सपा में शिवपाल सिंह का कद बढ़ सकता है। घोसी उपचुनाव जिताने की जो जिम्मेदारी शिवपाल सिंह को मिली थी उसमें उन्होंने अपने आप को साबित किया। इतना ही नहीं 2022 के मुकाबले में सपा को उपचुनाव में अधिक वोट मिले।