मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि निगम, मंडलों, कोर्ट एवं प्राधिकरणों में भी सेवानिवृत्ति की आयु 60 की बजाय 62 वर्ष होगी. गौरतलब है कि दो दिन पहले चौहान ने मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 साल से बढ़ाकर 62 साल करने की घोषणा की थी और घोषणा करने के 24 घंटे के अंदर कल से ही इस पर अमल भी हो गया है. लेकिन, निगम, मंडलों, कोर्ट एवं प्राधिकरणों में सेवानिवृत्ति की आयु नहीं बढ़ाई गई थी. चौहान ने यहां मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश भर से आये विभिन्न कर्मचारियों-अधिकारियों के संगठनों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘निगम, मंडलों, कोर्ट, प्राधिकरणों में भी सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष की जायेगी. ’’ उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष करने से युवाओं को शासकीय नौकरियों में भर्ती के अवसरों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
इस निर्णय के कारण जितने पद लगेंगे, उतने पद अलग से सृजित किये जायेंगे. चौहान ने कहा कि एक लाख पदों पर युवाओं की भर्ती की जाएगी. नये पदों में कोई कटौती नहीं की जायेगी. साढ़े सात लाख युवाओं को इसी साल स्वरोजगार से काम पर लगाया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व की सरकारों के समय केंद्र के समान महंगाई भत्ता लेने में भी संघर्ष करना पड़ता था. अब यह निर्णय किया गया है कि जब भी केंद्र महंगाई भत्ता बढ़ाएगा, राज्य सरकार उसके अनुसार ही महंगाई भत्ता बढ़ा देगी.