देश में सभी चुनावों को एक साथ न करने को देश की प्रगति में बाधा बताते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार (4 मार्च) को कहा कि देश में लोकसभा एवं विधानसभा सहित सभी चुनाव एक साथ होने चाहिए और इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार ने एक कमेटी बनाने का फैसला भी लिया है. यहां मुख्यमंत्री निवास पर चौहान ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘देश में हर दो-तीन महीने में कहीं न कहीं सदैव चुनाव होते रहते हैं. ये सब चुनाव एक ही बार में एक साथ होने चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि देश में लोकसभा, विधानसभा, ग्राम पंचायत, नगरपालिका, जनपद, जिला पंचायत, सहकारिता एवं अन्य चुनाव सब एक साथ होने चाहिए. इसके बारे में देश गंभीरता से सोचे.
एक साथ चुनाव आसान नहीं
चौहान ने कहा, ‘‘देश में चुनाव सुधार के बारे में बहुत गंभीर चर्चा चल रही है. विशेषकर सब चुनाव पांच साल में एक बार संपन्न हो जाये. प्रधानमंत्री ने भी मुहिम प्रारंभ की है. राष्ट्रपति ने भी अपने अभिभाषण में इसका उल्लेख किया है.’’ चौहान ने कहा, ‘‘मैं मानता हूं कि यह आसान नहीं हैं. लेकिन मुझे लगता है कि मध्यप्रदेश को भी इस विचार को बढ़ाने में अपना योगदान करना चाहिए. इसलिए एक साथ चुनाव कैसे हों, इस पर व्यापक विचार-विमर्श करके एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक समिति बनाने का फैसला लिया है. प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में यह समिति बनेगी.’’
उन्होंने बताया कि यह समिति जनता, जनप्रतिनिधियों, अलग-अलग विचारधारा के लोगों, बुद्धिजीवियों एवं सबसे व्यापक पैमाने पर चर्चा करेगी कि यह कैसे संभव हो सकता है और इसके क्या फार्मुले हो सकते हैं.
लोगों से विचार-विमर्श करेगी समिति
चौहान ने कहा कि यह शासकीय समिति होगी, क्योंकि सरकार ही इस बहस को चलाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘यह समिति लोगों से विचार-विमर्श करेगी और तीन-चार महीने में यदि कुछ ठोस निकलता है तो इस पहल को हम भारत सरकार एवं चुनाव आयोग को सौंपेगे.’’ चौहान ने कहा, ‘‘यह कमेटी इस पर भी विचार करेगी कि राज्य के सब चुनाव ग्राम पंचायत, नगरपालिका, जनपद, जिला पंचायत, सहकारिता सहित जितने भी चुनाव होते हैं, ये सब चुनाव कैसे एक साथ हो सके.’’ उन्होंने दावा कि देश में एक साथ चुनाव न करने से देश की प्रगति बाधित होती है.
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