मर्डर के चार साल बाद शीना बोरा केस ने सतारा की एक युवती के रेप केस को सुलझाने में मदद की। चोरी के मामले को सुलझाते हुए जैसे ही कार में खून का धब्बा और लंबे बाल मिले बांद्रा कुर्ला कंप्लेक्स पुलिस स्टेशन (बीकेसी) को शीना बोरा मर्डर केस की याद आ गयी और चोरी का यह मामला पेचीदा लगा।
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इसके बाद पुलिस ने आरोपी से बार-बार पूछ ताछ की और अपनी जांच को आगे बढ़ाया। अंतत: आरोपी ने गाड़ी में युवती के साथ दुष्कर्म की बात को स्वीकार कर लिया। आरोपी की पहचान, मालवानी निवासी 40 वर्षीय माणिक शिंदे के तौर पर की गयी जो हीरा व्यापारी 38 वर्षीय राजेश मनियार के पास ड्राइवर के तौर पर काम करता था। 18 नवंबर को शिंदे ने अपने बॉस को बीकेसी स्थित कार्यालय में छोड़ा और फिर दो दिनों तक लौट कर नहीं आया।
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दो दिन बाद उसने फोन पर झूठी कहानी बतायी जिसके अनुसार दो लोगों ने उससे इनोवा छीन उसे सतारा में भटकता छोड़ दिया है। इसके आधार पर मनियार ने बीकेसी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करायी। 22 नवंबर को पुलिस ने शिंदे और कार का पता कर लिया लेकिन पंचनामे के दौरान गाड़ी में खून और लंबे बाल देख उन्हें पुरानी कहानी याद आ गयी। पुलिस ने बताया, ’हमें याद आया कि किस तरह शीना बोरा को कार में मारा गया था।‘
शिंदे का किसी और महिला के साथ संबंध के बाबत उसकी पत्नी से पुलिस ने सवाल किया तब पता चला कि उसकी कोई गर्लफ्रेंड थी, लेकिन पुलिस ने पता लगा लिया कि इस मामले में वह नहीं थी। इस बीच पत्नी ने शिंदे को धमकाया कि वह सच्चाई बता दे नहीं तो दोनों बच्चों के साथ वह आत्महत्या कर लेगी।
आठ दिन की गिरफ्तारी के बाद उसने पुलिस के सामने सारी बातें उगल दी। उसने बताया कि पत्नी और गर्लफ्रेंड के साथ हमेशा उसके झगड़े होते थे। 18 नवंबर को परेशान होकर वह मालिक की कार से सतारा जा रहा था तभी रास्ते में उसने एक युवती के साथ दुष्कर्म जैसी घिनौनी करतूत की।
तीन दिन पहले बीकेसी पुलिस ने दुष्कर्म मामले की जांच के लिए शिंदे को सतारा पुलिस के हाथों सौंप दिया। सतारा सिटी पुलिस के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर दतात्रेय नाले ने बताया, ‘सेक्शन 376 और 326 के तहत एक मामला दर्ज किया गया और हमने आरोपी को ज्यूडिशियल कस्टडी में रखा है।‘