शी जिनपिंग के कहा- पड़ोसियों से बातचीत के जरिए सुलझाएंगे मुद्दा, लेकिन हितों से समझौता नहीं

शी जिनपिंग ने कहा- पड़ोसियों से बातचीत के जरिए सुलझाएंगे मुद्दा, लेकिन हितों से समझौता नहीं

भारत और चीन के बीच डोकलाम को लेकर सीमा विवाद बातचीत के जरिये सुलझ गया. इसमें दोनों देशों के प्रमुखों भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने प्रमुख भूमिका निभाई. अब शी चिनफिंग जल्द चीन के राष्ट्रपति के रूप में दूसरी पारी की शुरुआत करने वाले हैं. ऐसे में उन्होंने एक बार फिर विवादों का हल बातचीत से निकालने का बयान दिया है. हालांकि इस बयान में चीन की अकड़ पूरी तरह खत्म नहीं हुई है. शी चिनफिंग ने आशंकित पड़ोसियों के साथ विवाद बातचीत के जरिये सुलझाने का भरोसा दिया, लेकिन साथ ही कहा कि यह देश के सामरिक हितों की कीमत पर नहीं होगा.शी जिनपिंग ने कहा- पड़ोसियों से बातचीत के जरिए सुलझाएंगे मुद्दा, लेकिन हितों से समझौता नहींचीन की कम्युनिस्ट पार्टी का 19वीं कांग्रेस शुरू, जिनपिंग ने पेश अपनी वर्क रिपोर्ट…

आपको बता दें कि शी ने यह बात चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक की शुरुआत करते हुए कही, जिसमें उनके अगले पांच साल के दूसरे कार्यकाल की पुष्टि होनी है. इस बैठक में उनके दूसरे कार्यकाल की पुष्टि के साथ ही उनके साथ काम करने के लिए नये नेताओं का निर्वाचन होना तय है.

इस दौरान शी ने कहा कि चीन कभी अन्य के हितों की कीमत पर अपने विकास को आगे नहीं बढ़ाएगा, न ही अपने वैध अधिकार और हितों को छोड़ेगा. किसी को भी यह आशंका नहीं होनी चाहिए कि चीन वह सब कुछ निगल लेगा जो उसके हितों को कमजोर करता है. बैठक में करीब 2300 लोगों ने हिस्सा लिया.

आपको बता दें कि चीन और भारत के बीच हाल में सिक्किम क्षेत्र में गतिरोध उत्पन्न हो गया था. इसके साथ ही चीन का दक्षिण और पूर्वी चीन सागरों में पड़सियों के साथ समुद्री विवाद है. इस पर शी ने पड़ोसी देशों के बारे में कहा कि ‘‘चीन सौहार्द, ईमानदारी, पारस्परिक लाभ और समावेश के सिद्धांत और साझेदारी और मित्रता बनाने की नीति पर पड़ोसियों के साथ अपने संबंधों को मजबूती प्रदान करेगा.’’ 

आतंकवाद पर भारत की बात दोहराई

उन्होंने कहा, ‘‘हमें विवादों को बातचीत और चर्चा से सुलझाने की प्रतिबद्धता जतानी चाहिए और पारंपरिक व गैर पारंपरिक खतरों पर अपनी प्रतिक्रिया समन्वित करनी चाहिए. साथ ही आतंकवाद के सभी स्वरूपों का विरोध करना चाहिए.’’ इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी आतंकवाद के सभी स्वरूपों का विरोध करने की बात संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण में कर चुकी है.

सीपीसी के महासचिव शी ने पांच वर्ष में एक बार होने वाली कांग्रेस में अपने साढ़े तीन घंटे के संबोधन में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को एक विश्व श्रेणी की सेना बनाने की प्रतिबद्धता जताई. 64 साल के शी ने कम्युनिस्ट पार्टी आफ चाइना (सीपीसी) के समाजवादी ढांचे को बरकरार रखते हुए उसे मजबूती प्रदान करने पर बल दिया. बैठक के उद्घाटन सत्र में पूर्व राष्ट्रपतियों जियांग जेमिन, हू जिंताओ के अलावा पूर्व प्रधानमंत्रियों वेन जियाबाओ सहित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के अन्य पूर्व नेता शी के साथ मंच पर पहली पंक्ति में बैठे हुए थे. सप्ताह भर चलने वाली बैठक में पार्टी के संविधान का संशोधन भी किया जाएगा.

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