दमिश्क। विश्व की दो बड़ी हस्तिया तीसरे विश्व युद्ध की जमीन तैयार करने में जुटी हैं। इस बार माध्यम बना है सीरिया। सीरिया पर अपने विद्रोहियों पर रासायनिक हमला करने का आरोप है। इसी की आड़ में अमेरिका ने सीरिया पर मिसाइले दागी हैं। वहीं रूस पहले की अमेरिका को चेतावनी दे चुका है कि यदि सीरिया पर कोई भी हमला हुआ तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।
थाईलैंड में नए संविधान पर राजा ने किए हस्ताक्षर
अमेरिका के इस हमलावर कदम के बाद माना जा रहा है कि रूस की ओर से भी कोई बड़ा सैन्य कदम उठाया जा सकता है। अमेरिका ने सीरिया में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के बाद इस दिशा में कड़ी कार्रवाई करते हुए सीरियाई सैन्यअड्डों पर 59 टॉमहॉक मिसाइलें दागी हैं। अमेरिकी सैन्य कार्रवाई में छह सीरियाई सैनिकों की मौत हो गई और सीरिया के मध्य प्रांत होम्स में शेरत सैन्यअड्डे को भारी क्षति पहुंची है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, सीरिया ने गुरुवार रात हुए इस हमले को ‘अमेरिकी आक्रामकता’ बताया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि यह हमला एक संप्रभु देश पर आक्रमण और अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है।
रूस ने अमेरिका को चेतावनी दी और कहा कि इससे अमेरिका और रूस के संबंध और बिगड़ेंगे। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार के खिलाफ अमेरिका ने पहली बार प्रत्यक्ष सैन्य हमला किया है।
ट्रंप ने इससे पहले कहा था कि सीरिया पर टॉमहॉक हमला अमेरिका के हित में है। ट्रंप ने मार-ए-लागो में संवाददाताओं से कहा कि सीरिया सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आग्रहों की अनदेखी की। सीएनएन के मुताबिक, अमेरिका की सैन्य कार्रवाई को असद सरकार युद्ध के रूप में परिभाषित कर सकती है।
गौरतलब है कि अमेरिका ने सीरिया में हुए रासायनिक हमले के लिए असद सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। इस हमले में 70 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि सीरिया इन आरोपों को झूठा बताता है।
होम्स के गवर्नर तलाल बजारीर ने अमेरिका और इजरायल पर सीरिया में आतंकवादी संगठनों की मदद करने का आरोप लगाया है। सीरिया के विदेश मंत्री वालिद अल-मुअल्लम ने कहा कि इन रासायनिक हमलों का हम पर आरोप लगाने से सिर्फ इजरायल को लाभ होगा।
ट्रंप ने कहा, “अमेरिका के लिए इस तरह के घातक रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को रोकना जरूरी है।” ट्रंप ने ‘सभी सभ्य देशों’ से सीरिया में रक्तपात रोकने की दिशा में काम करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, “इस पर कोई विवाद ही नहीं है कि सीरिया ने प्रतिबंधित रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रासायनिक हथियार संकल्प के तहत नियमों का उल्लंघन किया है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अपीलों को खारिज किया है।”
ट्रंप ने कहा, “असद के व्यवहार को बदलने के लिए वर्षों के प्रयास बुरी तरह से असफल रहे हैं।”
सीएनएन के मुताबिक, अमेरिकी सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि ये हमले सीरिया सैन्यअड्डे के रनवे, विमानों और ईंधन भंडारण ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए। ये मिसाइलें पूर्वी भूमध्यसागर में खड़े अमेरिकी युद्धपोतों से दागी गईं।
रूस ने मिसाइल दागे जाने से कुछ मिनट पहले ही अमेरिका को सीरिया पर सैन्य हमले के ‘नकारात्मक परिणाम भुगतने’ की चेतावनी दी थी।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features