लखनऊ , 9 दिसम्बर। गोमतीनगर के विस्तार इलाके में रहने वाले एक शेयर मार्केट कारोबारी के खातों से जालसाजों ने एक लाख 18 हजार रुपये की आनलाइन शापिंग कर डाली और उसको भनक तक नहीं लगी। मोबाइल पर जब कारोबारी को खरीदारी का मैसेज मिला तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गयी। इसके बाद वह दो दिन तक गोमतीनगर पुलिस के चक्कर लगाता रहा और अंत में पुलिस ने इस साइबर क्राइम अपराध की जगह मामूली धोखाधड़ी की धारा में एफआईआर दर्ज कर खानापूर्ति कर दी। गोमतीनगर विस्तार के रहने वाले ललित यादव ने बताया कि वह शेयर मार्केट ट्रेडिंग का काम करते हैं। बीते 5 दिसम्बर की रात वह अपने घर पर सो रहे थे। देर रात 1.02 से लेकर 1.24 मिनट के बीच उनके एक्सिस बैंक के खाते से जालसाजों ने 60 से 70 बार आनलाइन शापिंग कर डाली। जालसाजों ने उनके खाते से करीब एक लाख 18 हजार रुपये की आनलाइन शापिंग की। जालसाजों ने अधिकतर शापिंग विदेशी कम्पनी की वेबसाइट से की। सुबह उठाने पर ललित ने जब मोबाइल पर आये मैसेजों को देखा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गयी। उनको यकीन नहीं हो रहा था कि उनकी गाढ़ी कमाई जालसाजों ने हड़प ली। इसके बाद वह शिकायत लेकर गोमतीनगर पुलिस के पास पहुंचे। दो दिन तक पुलिस उनको इधर-उधर की बात कहकर टरकाती रही। अंत में गुरुवार को गोमतीनगर पुलिस ने ललित की शिकायत पर महज धोखाधड़ी की धारा 420 आईपीसी के तहत रिपोर्ट दर्ज की। पुलिस ने इंटरनेट के माध्यम से हुई इस धोखाधड़ी के मामले में आईटी एक्ट की कोई धारा तक नहीं लगायी। पीडि़त ने बताया कि वह अपनी शिकायत लेकर साइबर क्राइम सेल भी गया। साइबर क्राइम सेल में उसकी शिकायत को लेने के बाद पुलिस कर्मियों ने उसके मामले को देखने की बात कही और उसको टरका दिया। ललित का कहना है कि इस संबंध में उसने बैंक से भी शिकायत की पर बैंक में
भी उसकी कोई मदद नहीं की। कारोबारी ने बताया कि शेयर मार्केट में काम करते वक्त उसको साइबर जालसाजों के बारे में पहले से पता था। इसी के चलते आज तक न तो उसने किसी को अपने बैंक के खाते के बारे में कोई जानकारी दी और न ही किसी फैक वेबसाइट से कुछ खरीदा। बावजूद इसके साइबर जालसाजों ने उसको अपना शिकार बना लिया।
भी उसकी कोई मदद नहीं की। कारोबारी ने बताया कि शेयर मार्केट में काम करते वक्त उसको साइबर जालसाजों के बारे में पहले से पता था। इसी के चलते आज तक न तो उसने किसी को अपने बैंक के खाते के बारे में कोई जानकारी दी और न ही किसी फैक वेबसाइट से कुछ खरीदा। बावजूद इसके साइबर जालसाजों ने उसको अपना शिकार बना लिया।