कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) चालू वित्त वर्ष में एक्सचेंज ट्रेडेड कोषों (ईटीएफ) में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा. केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने यह जानकारी दी. ईपीएफओ ने ईटीएफ में निवेश की सीमा बढ़ाने का फैसला किया है, जिससे मद्देनजर वह चालू वित्त वर्ष में इसमें निवेश बढ़ा रहा है.यह भी पढ़े: नरेंद्र मोदी कौन हैं? विदेशियों ने दिए चौंकाने वाले जवाब, वीडियो हुआ वायरल…
दत्तात्रेय ने कहा कि ईटीएफ में निवेश की सीमा को निवेश योग्य जमा का 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने के बारे में ईपीएफओके केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की पुणे में हुई बैठक में विचार किया गया. इस साल ईटीएफ में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.
वित्त मंत्रालय ने इससे पहले ईपीएफओ के निवेश के नए तरीके को अधिसूचित करते हुए उसे अपने कोष का न्यूनतम पांच प्रतिशत और कुल 15 प्रतिशत तक शेयर या शेयर आधारित योजनाओं में निवेश करने की अनुमति दी थी. ईपीएफओ ने अगस्त, 2015 में अपनी निवेश योग्य जमा का पांच प्रतिशत ईटीएफ में निवेश करना शुरू किया था.
पहले साल यानी 2015-16 6,577 करोड़ रुपये का निवेश किया गया. 2016-17 में यह आंकड़ा 14,982 करोड़ रुपये रहा. दत्तात्रेय ने कहा कि ईटीएफ में निवेश पर रिटर्न 13.72 प्रतिशत है. निवेश पर कुल 234.86 करोड़ रुपये का लाभ प्राप्त हुआ. दत्तात्रेय ने कहा, यह उत्साहवर्धक है. इस रिटर्न को देखने के बाद बोर्ड ने 15 प्रतिशत पर सहमति दी है. हम ईपीएफ कोष पर अधिक और सुरक्षित रिटर्न हासिल करने को प्रतिबद्ध हैं.
क्या है ईपीएफ- 5 जरूरी बातें
1. यह केन्द्र सरकार की नौकरी-पेशा लोगों के लिए सोशल सिक्योरिटी स्कीम है.
2. आपकी सैलरी 15,000 रुपये प्रति माह है तो इस स्कीम में शामिल होना आपके लिए अनिवार्य है.
3. आप यदि नौकरी करते हैं तो आपकी कंपनी आपकी सैलरी से एक हिस्सा काटकर आपके ईपीएप खाते में डाल देती है.
4. इस पैसे को केन्द्र सरकार के इस फंड में डाल दिया जाता है और जरूरत के वक्त ब्याज सहित इस पैसे का आप इस्तेमाल कर सकते हैं.
5. आपकी कंपनी आपको ईपीएफ अकाउंट नंबर देती है. यह अकाउंट नंबर भी आपके लिए बैंक अकाउंट की तरह है क्योंकि इसमें आपके भविष्य के लिए आपका पैसा पड़ा है.